कर्नाटक विधानसभा में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 21 विधायकों के वेतन भत्तों को रोका दिया गया है। विधानसभा के सचिवालय की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक अगर विधायक किसी बोर्ड या समिति के अध्यक्ष चुने गए हैं तो अब वो विधायकों को मिलने वाले वेतन भत्ते के हकदार नहीं होंगे। इन बोड्र्स के अध्यक्ष मंत्रियों के ओहदे के होते हैं। ऐसे में इन्हें इनकी सैलरी बोर्ड ही जारी करेंगे।
विधायकों को दोनों जगहों से नहीं मिल सकते वेतन-भत्ते
कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार है। रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक विधान सभा सचिवालय ने एडवोकेट जनरल और अकाउंट जनरल से राय लेने के बाद ये फैसला किया है। राज्य सरकार द्वारा कुछ विधायकों को विभिन्न निगमों और बोर्डों को प्रमुख नियुक्त करने के बाद से ही इस मसले पर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। विधानसभा ने कहा कि सरकार के आदेश के अनुसार इन विधायकों को उनकी नियुक्ति के बाद कैबिनेट का दर्जा दिया गया, उन्हें घर के किराए, यात्रा और फर्निचर, टेलीफोन और मेडिकल जैसे कई तरह के भत्ते दिये गये। इनमें से कुछ विधायकों ने विधान सभा सचिवालय से विधायक के तौर पर अपने वेतन और भत्ते की मांग की है।
विधान सचिवालय ने कर्नाटक के एडवोकेट जनरल और अकाउंट जनरल से इस मसले पर राय मांगी। सचिवालय को भेजे जवाब में एडवोकेट जनरल ने कहा कि ऐसे विधायकों को दोनों जगहों से वेतन-भत्ते नहीं मिल सकते। रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक में विधायक लम्बे समय से इस असमजंस का लाभ उठाते रहे हैं।