गुरमीत राम रहीम की कथित बेटी हनीप्रीत को हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है. बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा. सात राज्यों की पुलिस पिछले 38 दिनों से हनीप्रीत को खोज रही थी. वहीं इस दौरान पुलिस पूछताछ में हरियाणा पुलिस की एसआईटी ने हनीप्रीत से पूछताछ की.
हनीप्रीत से पूछे गए सवाल
सवाल- रोहतक की सुनारिया जेल से निकलने के बाद तुम कहां चली गई थी?
जवाब- मैं बहुत डर गई थी और अपने माता-पिता के पास चली गई थी.
सवाल- जब तुम्हें पता लग गया था कि तुम्हें पुलिस ढूंढ रही है तो तुम पुलिस के सामने क्यों नहीं आई?जवाब- जब मुझे पता लगा कि मेरे ऊपर देशद्रोह और दंगा फैलाने जैसे आरोप लगाये गये हैं तो उसके बाद मैं डिप्रेशन में आ गई थी. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं. मेरे पिताजी भी जेल जा चुके थे और ऐसे में मैं काफी ज्यादा टेंशन में थी.
सवाल- जब तुम छुपी हुई थी तब तुम्हारे पास कुछ इंटरनेशनल नंबर के सिम कार्ड थे, जिसका तुमने इस्तेमाल किया. ये नंबर तुम्हें किसने दिए और किसके कहने पर तुम इन इंटरनेशनल नंबरों के जरिए ही फोन पर बातचीत कर रही थी.
जवाब- खामोश
सवाल- हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि तुमने इंटरनेशनल नंबरों से ही WhatsApp कॉल किए थे.
जवाब- खामोश
सवाल- तुम जो पूरे 29 दिनों तक गायब थी तो इस दौरान तुमने सिंपल कॉलिंग नहीं, WhatsApp कॉलिंग की और ये सब कुछ तुमने पुलिस से बचने के लिए किया. ऐसा करने के लिए तुम्हें किसने कहा था?
जवाब- खामोश
सवाल- हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि तुम इन 38 दिनों में आदित्य इंसा, पवन इंसा और कुछ अन्य लोगों के साथ WhatsApp के जरिए संपर्क में थी और WhatsApp कॉलिंग से ही उनसे बातचीत करती थी?
जवाब- मैंने ऐसा कुछ नहीं किया।
सवाल- पवन इंसा और आदित्य इंसा से आखिरी बार तुम्हारी कब बात हुई थी?
जवाब- 25 अगस्त को आखिरी बार बात हुई थी और मैंने उनको पिताजी के जेल जाने और मेरे रोहतक की सुनारिया जेल से सिरसा वापिस चले जाने के बारे में जानकारी दी थी.
सवाल- अभी पवन इंसा और आदित्य इंसा कहां पर हैं और उनको लेकर तुम्हारे पास क्या जानकारी है?
जवाब- मुझे कोई भी जानकारी नहीं है कि वो दोनों इस वक्त कहां है और 25 अगस्त की रात के बाद से मेरी उनसे कोई भी बातचीत नहीं हुई है.
सवाल- पंचकूला में दंगा करवाने में डेरे की 45 मेंबरों की कमेटी के लोगों का क्या रोल था?
जवाब- मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैं डेरे की मैनेजमेंट का कोई काम नहीं संभालती थी. मैं बस पिताजी और अपनी फिल्मों की एक्टिंग और डायरेक्शन का काम करती थी.
सवाल- गुरमीत राम रहीम का पंचकूला में दंगे करवाने में क्या रोल है?
जवाब- मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही मेरे सामने पिताजी ने कभी कोई ऐसी प्लानिंग करी थी कि पंचकूला में कोई दंगा करवाना है.
सवाल- पंचकूला में दंगा करवाने में अहम रोल किसका था?
जवाब- मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
सवाल- पंचकूला में दंगा करवाने के लिए कितने रुपये भेजे गए थे?
जवाब- मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
सवाल- अगर तुम्हें दंगे करवाने को लेकर कोई खास जानकारी नहीं है और तुम पुलिस से छिप नहीं रही थी और डिप्रेशन में थी तब तुमने पुलिस के सामने पहले सरेंडर क्यों नहीं किया?
जवाब- खामोश
सवाल- तुम्हें पुलिस की रेड से पहले ही कौन जानकारी दे देता था कि पुलिस तुम्हें पकड़ने आ रही है और तुम पहले ही बच कर निकल जाती थी.
जवाब- खामोश
सवाल- अगर तुम्हें रेड की जानकारी पहले से नहीं मिलती थी तो बाड़मेर, श्रीगंगानगर, गुरुसर मोडिया, उदयपुर, यूपी, दिल्ली, गुरुग्राम की रेड से ठीक पहले तुम कैसे बच निकलने में कामयाब हो गई?
जवाब- मैं कहीं नहीं भागी और न ही मुझे पुलिस रेड के बारे में कोई जानकारी मिलती थी और इन दिनों में मैं इन जगहों पर नहीं रुकी हुई थी. मैं भटिंडा में अपनी सेवादार सुखदीप कौर के घर पर रुकी हुई थी.
सवाल- क्या तुम्हें पुलिस की रेड को लेकर जानकारी पहले से मिलती थी और ये जानकारी किसके जरिए मिलती थी?
जवाब- मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं मिलती थी और न ही मैं किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में थी.
सवाल- तुमने कहा कि तुम बठिंडा में छुपी हुई थी तुम्हें छुपा कर रखने में गुरमीत राम रहीम के समधी कांग्रेस नेता हरमिंदर सिंह जस्सी ने क्या मदद की? क्या तुम कभी उसकी VIP गाड़ी में बैठ कर उसे मिली जेड प्लस सिक्योरिटी के बीच भी भागने में कामयाब रही?
जवाब- 25 अगस्त के बाद से मैं हरमिंदर सिंह जस्सी से नहीं मिली और न ही छिपने में उसकी मदद मांगी.
सवाल- अगर हरमिंदर सिंह जस्सी ने तुम्हारी कोई मदद नहीं की तो 21 सितंबर को जब हमने राजस्थान पुलिस के साथ गुरुसर मोडिया में रेड की तो इस दौरान उसकी सिक्योरिटी वहां पर क्या कर रही थी? हमारे पास जानकारी है कि तुम रेड से ठीक पहले उसकी पर्सनल गाड़ी से उसके साथ ही भाग निकली थी.
जवाब- खामोश