बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद से डेरा सच्चा सौदा की हालत पूरी तरह
से डांवाडोल है. गुरमीत राम रहीम का परिवार डेरा सच्चा सौदा को छोड़ कर
अपने पैतृक गांव राजस्थान के श्रीगंगानगर के गुरुसर मोडिया में जा चुका है.
सूत्रों की जानकारी के मुताबिक गुरमीत राम रहीम को ये भरोसा ही नहीं था कि
उसे कभी जेल की हवा भी खानी पड़ेगी. इसी वजह से अपने खिलाफ चल रही सीबीआई
जांच और कोर्ट में पेंडिंग पड़े केसों के बावजूद उसने अपने उत्तराधिकारी को
लेकर कोई भी फैसला नहीं किया और तैयारी नहीं कर रखी थी.
इसी वजह से गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद से डेरा सच्चा सौदा का अगला उत्तराधिकारी कौन होगा? डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट कमेटी कैसे चलेगी? डेरा सच्चा सौदा की करोड़ों रुपए की संपत्ति को कौन संभालेगा? इसको लेकर संशय लगातार बना हुआ है. फिलहाल डेरा सच्चा सौदा को चला रही है एक मात्र राम रहीम की करीबी मैनेजमेंट कमेटी की चेयरपर्सन विपासना इंसा खुद कानून के शिकंजे में फंसती जा रही है और कभी भी उसकी गिरफ्तारी संभव है.
इसके अलावा गुरमीत राम रहीम के दाहिने हाथ माने जान वाले आदित्य इंसा और पवन इंसा दोनों ही अपनी गिरफ्तारी से बचते हुए अंडरग्राउंड हो चुके हैं और खुद अपने भविष्य को लेकर वह इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं कि वो पुलिस के सामने सरेंडर करें या छिप कर रहें. ऐसे में डेरा सच्चा सौदा सिरसा मुख्यालय का क्या होगा. इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है.
गुरमीत राम रहीम का बेटा जसमीत इंसा पहले से ही अपना अलग बिजनेस चलाना चाहता था. लेकिन हनीप्रीत ने गुरमीत राम रहीम पर दबाव बनाकर जसमीत के बिजनेस को डेरा सच्चा सौदा की कंपनियों एमएसजी में विलय करवा दिया था. इसी वजह से जसमीत इंसा अब तक डेरे की सुध लेने नहीं आया है. सिरसा के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंदर भाटिया ने कहा कि विपासना पर पुलिस का कितना शिकंजा कसता है वो भविष्य की बात है उसके बाद डेरा का क्या होगा इसका फैसला अभी तक नहीं हो पाया है.
पूरे कांड के बाद पुराने डेरे में श्रद्धालु आ रहे हैं लेकिन नए डेरे में तो उजाड़ है, सुनसान है. जो शिक्षण संस्थान हैं वो बंद है, स्कूलों में हाजिरी कम है, हॉस्पिटल में लोग कम हैं, डॉक्टरों की कमी है तो अब डेरा कौन संभालेगा ये तो समय ही बताएगा. लेकिन अभी तक डेरे की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है. वहीं उन्होंने बताया कि अभी विपासना बाहर है और डॉ. नैन भी बाहर हैं. इन्होंने कोई न कोई व्यवस्था की होगी लेकिन जो इनके कर्मचारी हैं वो बताते हैं कि उनकी सैलरी नहीं दी गई है क्योंकि डेरे के सारे बैंक खाते अटैच है.
अब ये तो जल्द ही साफ हो जायेगा कि डेरे को कौन चलाता है या क्या डेरे की नई प्रबंध कमेटी बनेगी? अभी तो ऐसा है जैसे बड़ी घटना के बाद इनके हाथ-पैर फुले हुए हैं. डेरे की व्यवस्था कौन संभालेगा अभी ये कहना मुश्किल है. वाइस चेयरपर्सन शोभा इंसा का नाम इसमें शामिल है, डॉ नैन का भी शामिल है लेकिन उन पर भी मामला दर्ज है. बाबा के बेटे के द्वारा मैनेजमेंट संभालने की बात सामने आयी लेकिन वो सामने ही नहीं आया और इसी वजह से अभी तक बड़े डेरे में वीरानी ही है.
वहीं पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के परिवार के वकील लेखराज ढोट ने कहा कि डेरा के जितने लोग हैं, कानून को तोड़ने में इनसे ज्यादा शातिर कोई नहीं और कानून के साथ खेल खेलना इन्हें बखूबी आता है. डेरा प्रमुख अभी जेल में है, लेकिन जो डेरे की 45 मेम्बरी कमेटी है वो सारी वांटेड है. उसी के अंदर ये विपासना है और उसकी बहुत जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए. विपासना डेरा प्रमुख के गुनाह में बराबर की भागीदार है और जिस तरह से कोर्ट और SIT की कार्यवाही चल रही है, डेरे की हर चीज जांच के दायरे में है. जिस तरह से जांच चल रही है मुमकिन नहीं है कि डेरा चल पायेगा. बिना बाबा के डेरा चलाने वाला कोई नहीं है.
विपासना ही डेरे को संभाल रही है या डॉ पी आर नैन, ये भी अभी साफ नहीं है. बताया जा रहा है कि डेरे के गेट अंदर से बंद हैं. किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है. पुलिस लगातार पेट्रोलिंग कर रही है, नाके लगाए गए हैं. डेरे पर पुलिस की नजर बनी हुई है. विपासना के पकड़ में आने के बाद डेरे की प्रबंधक कमेटी ही तय करेगी कि अगला प्रशासक कौन होगा या फिर सरकार धारा 145 लगा कर अपना प्रशासक नियुक्त करेगी.
कुल मिलाकर डेरे के अंदर अभी क्या हो रहा है. कौन डेरे को संभाल रहा है और डेरे को चलाने के लिए लाखों का खर्चा कहां से आ रहा है? ये अभी किसी को भी पता नहीं है और इसी वजह से डेरा सच्चा सौदा की कहानी पूरी तरह से खत्म होने के आसार ज्यादा बनते जा रहे हैं.
इसी वजह से गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद से डेरा सच्चा सौदा का अगला उत्तराधिकारी कौन होगा? डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट कमेटी कैसे चलेगी? डेरा सच्चा सौदा की करोड़ों रुपए की संपत्ति को कौन संभालेगा? इसको लेकर संशय लगातार बना हुआ है. फिलहाल डेरा सच्चा सौदा को चला रही है एक मात्र राम रहीम की करीबी मैनेजमेंट कमेटी की चेयरपर्सन विपासना इंसा खुद कानून के शिकंजे में फंसती जा रही है और कभी भी उसकी गिरफ्तारी संभव है.
इसके अलावा गुरमीत राम रहीम के दाहिने हाथ माने जान वाले आदित्य इंसा और पवन इंसा दोनों ही अपनी गिरफ्तारी से बचते हुए अंडरग्राउंड हो चुके हैं और खुद अपने भविष्य को लेकर वह इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं कि वो पुलिस के सामने सरेंडर करें या छिप कर रहें. ऐसे में डेरा सच्चा सौदा सिरसा मुख्यालय का क्या होगा. इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है.
गुरमीत राम रहीम का बेटा जसमीत इंसा पहले से ही अपना अलग बिजनेस चलाना चाहता था. लेकिन हनीप्रीत ने गुरमीत राम रहीम पर दबाव बनाकर जसमीत के बिजनेस को डेरा सच्चा सौदा की कंपनियों एमएसजी में विलय करवा दिया था. इसी वजह से जसमीत इंसा अब तक डेरे की सुध लेने नहीं आया है. सिरसा के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंदर भाटिया ने कहा कि विपासना पर पुलिस का कितना शिकंजा कसता है वो भविष्य की बात है उसके बाद डेरा का क्या होगा इसका फैसला अभी तक नहीं हो पाया है.
पूरे कांड के बाद पुराने डेरे में श्रद्धालु आ रहे हैं लेकिन नए डेरे में तो उजाड़ है, सुनसान है. जो शिक्षण संस्थान हैं वो बंद है, स्कूलों में हाजिरी कम है, हॉस्पिटल में लोग कम हैं, डॉक्टरों की कमी है तो अब डेरा कौन संभालेगा ये तो समय ही बताएगा. लेकिन अभी तक डेरे की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है. वहीं उन्होंने बताया कि अभी विपासना बाहर है और डॉ. नैन भी बाहर हैं. इन्होंने कोई न कोई व्यवस्था की होगी लेकिन जो इनके कर्मचारी हैं वो बताते हैं कि उनकी सैलरी नहीं दी गई है क्योंकि डेरे के सारे बैंक खाते अटैच है.
अब ये तो जल्द ही साफ हो जायेगा कि डेरे को कौन चलाता है या क्या डेरे की नई प्रबंध कमेटी बनेगी? अभी तो ऐसा है जैसे बड़ी घटना के बाद इनके हाथ-पैर फुले हुए हैं. डेरे की व्यवस्था कौन संभालेगा अभी ये कहना मुश्किल है. वाइस चेयरपर्सन शोभा इंसा का नाम इसमें शामिल है, डॉ नैन का भी शामिल है लेकिन उन पर भी मामला दर्ज है. बाबा के बेटे के द्वारा मैनेजमेंट संभालने की बात सामने आयी लेकिन वो सामने ही नहीं आया और इसी वजह से अभी तक बड़े डेरे में वीरानी ही है.
वहीं पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के परिवार के वकील लेखराज ढोट ने कहा कि डेरा के जितने लोग हैं, कानून को तोड़ने में इनसे ज्यादा शातिर कोई नहीं और कानून के साथ खेल खेलना इन्हें बखूबी आता है. डेरा प्रमुख अभी जेल में है, लेकिन जो डेरे की 45 मेम्बरी कमेटी है वो सारी वांटेड है. उसी के अंदर ये विपासना है और उसकी बहुत जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए. विपासना डेरा प्रमुख के गुनाह में बराबर की भागीदार है और जिस तरह से कोर्ट और SIT की कार्यवाही चल रही है, डेरे की हर चीज जांच के दायरे में है. जिस तरह से जांच चल रही है मुमकिन नहीं है कि डेरा चल पायेगा. बिना बाबा के डेरा चलाने वाला कोई नहीं है.
विपासना ही डेरे को संभाल रही है या डॉ पी आर नैन, ये भी अभी साफ नहीं है. बताया जा रहा है कि डेरे के गेट अंदर से बंद हैं. किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है. पुलिस लगातार पेट्रोलिंग कर रही है, नाके लगाए गए हैं. डेरे पर पुलिस की नजर बनी हुई है. विपासना के पकड़ में आने के बाद डेरे की प्रबंधक कमेटी ही तय करेगी कि अगला प्रशासक कौन होगा या फिर सरकार धारा 145 लगा कर अपना प्रशासक नियुक्त करेगी.
कुल मिलाकर डेरे के अंदर अभी क्या हो रहा है. कौन डेरे को संभाल रहा है और डेरे को चलाने के लिए लाखों का खर्चा कहां से आ रहा है? ये अभी किसी को भी पता नहीं है और इसी वजह से डेरा सच्चा सौदा की कहानी पूरी तरह से खत्म होने के आसार ज्यादा बनते जा रहे हैं.