अफसरों और मंत्रियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए ये है पीएम मोदी का मंत्र



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रियों और सरकारी बाबुओं के बीच अब बेहतर तालमेल बनाना चाहते हैं. ख़ासकर उन नौकरशाहों से जो या तो मंत्री के गृह राज्य के कैडर से हों या फिर उस राज्य का मूल निवासी हों, भले ही कैडर कोई और हो. लिहाज़ा प्रधानमंत्री ने अपने अपने मंत्रियों से उनके गृह राज्यों के अफ़सरों के साथ बैठक करने को कहा है. शुरुआत दिल्ली में पदस्थापित राज्य के आईएएस अफ़सरों के साथ हुई है.

हरकत में मंत्री 

2 नवंबर यानि कल खाद्य मंत्री राम विलास पासवान दिल्ली में पदस्थापित बिहार कैडर के या फिर मूल रूप से बिहार से नाता रखने वाले अफ़सरों के साथ बैठक करेंगे. 2 नवंबर को ही इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह दिल्ली में पदस्थापित हरियाणा कैडर या मूलत: हरियाणा के रहने वाले अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इसी तरह 3 नवंबर को क़ानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद और फिर उसके बाद लगातार सभी मंत्री ऐसी ही बैठकें करेंगे.

इसके पहले 24 अक्टूबर को भी कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के यहां भी इस तरह की एक बैठक हो चुकी है. फ़िलहाल केवल कैबिनेट मंत्रियों को ऐसी बैठकें करने के लिए कहा गया है. लेकिन इन बैठकों में उस राज्य से आने वाले सभी कैबिनेट और राज्य मंत्री मौजूद रहेंगे.

क्यों हो रही बैठकें ?

इन बैठकों का उद्देश्य मंत्रियों और उनके राज्य से आने वाले अफ़सरों के बीच बेहतर तालमेल और सामंजस्य बनाना है. इन बैठकों में आपसी मेलजोल बढ़ाने के अलावा राज्यों से जुड़ी योजनाओं पर भी चर्चा होगी.

एक केंद्रीय मंत्री के मुताबिक़, 'हम अपने मंत्रालय में ही काम करने वाले अपने गृह राज्य के अधिकारियों को ही नहीं पहचानते हैं. इन बैठकों से हमें एक दूसरे को जानने समझने का अच्छा मौक़ा मिलेगा.'

अफ़सरों से मिलते रहते हैं मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ख़ुद अफ़सरों के साथ लगातार संवाद बनाए रखते हैं. जब से उन्होंने कुर्सी संभाली है तबसे सचिव से लेकर निदेशक और उपसचिव स्तर तक के अधिकारियों के साथ मुलाक़ातों का सिलसिला जारी रहा है. अभी कुछ ही दिनों पहले मोदी ने अलग अलग दिन अलग अलग राज्यों के कैडर के आईएएस अफ़सरों के साथ कई दौर की बैठक की थी. इन बैठकों में सरकार की योजनाओं की समीक्षा के साथ साथ उन योजनाओं में सुधार के लिए अफ़सरों की राय ली जाती है. हर महीने के तीसरे बुधवार को ' प्रगति ' नाम की एक बैठक होती है जिसमें योजनाओं की समीक्षा की जाती है. इन बैठकों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए राज्यों के अधिकारी भी शामिल होते हैं.