अपने सिंबल पर यूपी के नगर निकाय चुनाव में उतरना पार्टियों के लिए मुसिबत
बनता जा जा रहा है। टिकट नहीं मिलने से परेशान जहां पहले कार्यकर्ताओं की
नाराजगी का सामना करनापड़ता था अब वहीं इस कड़ी में संत समाज भी जुड़ गया
है। ताजा मामला अयोध्या का है। यहां बीजेपी से टिकट मिलने की उम्मीद संजोए
संत को जब टिकट नहीं मिला तो उन्होंने बगातवती रूख ही अख्तियार कर लिया।
संत को जब पता चला कि उन्हें अयोध्या नगर निगम के मेयर पद के लिए बीजेपी से
उम्मीदवार नहीं बनाया जा रहा तो उन्होंने पार्टी से हांथ झटकर शिवसेना का
दामन थामने से भी उन्हें गुरेज नहीं किया।
यह है मामला
दरअसल, बीजेपी से मेयर टिकट की मांग सबसे अधिक है। पार्टी के मंत्री अपने अपने चहेतों को टिकट दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। हालांकि टिकट किसे दिया जाएगा इसका फैसला सीएम योगी आदित्य नाथ व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की रजामंदी के बाद ही होता दिख रहा है। ऐसे में अयोध्या के हनुमानगढ़ी
के पुजारी राजू दास ने भी अयोध्या नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। लेकिन जब उन्हें पता चला कि बीजेजी ने उनका पत्ता काट कर किसी और को उम्मीदवार बनाया है तो उन्होंने बगावती तेवर अपना लिया। राजू दास ने बीजेपी से हाथ झटकर शिवसेना का दामन थाम लिया और अब वो शिवसेना के ही टिकट पर अयोध्या नगर निगम मेयर का चुनाव लड़ेंगे।
यह है मामला
दरअसल, बीजेपी से मेयर टिकट की मांग सबसे अधिक है। पार्टी के मंत्री अपने अपने चहेतों को टिकट दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। हालांकि टिकट किसे दिया जाएगा इसका फैसला सीएम योगी आदित्य नाथ व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की रजामंदी के बाद ही होता दिख रहा है। ऐसे में अयोध्या के हनुमानगढ़ी
के पुजारी राजू दास ने भी अयोध्या नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। लेकिन जब उन्हें पता चला कि बीजेजी ने उनका पत्ता काट कर किसी और को उम्मीदवार बनाया है तो उन्होंने बगावती तेवर अपना लिया। राजू दास ने बीजेपी से हाथ झटकर शिवसेना का दामन थाम लिया और अब वो शिवसेना के ही टिकट पर अयोध्या नगर निगम मेयर का चुनाव लड़ेंगे।