देश एवं समाज के विकास में महिलाओं
की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि
नारी शक्ति परिवार, सारे समाज और देश को एकता के सूत्र में बांधती है और हम
सभी के लिये प्रेरणा की स्रोत हैं। मोदी ने कहा कि देश में हर क्षेत्र में
महिलाएं आगे बढ़ रही है, गौरव बढ़ा रही है। सशक्तिकरण आत्मनिर्भरता का ही
एक रूप है, आज नारी शक्ति सशक्त एवं आत्मर्निभर बन रही हैं।
आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात‘
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ बात है ऐसी कि हस्ती मिटती नहीं
हमारी’। वो बात क्या है, वो बात है, लचीलापन, बदलाव…. जो काल-बाह्य है उसे
छोड़ना, जो आवश्यक है उसका सुधार स्वीकार करना। उन्होंने कहा कि हमारे समाज
की विशेषता है – आत्मसुधार करने का निरंतर प्रयास। आत्म सुधार भारतीय
परम्परा, यह हमारी संस्कृति हमें विरासत में मिली है। किसी भी जीवन-समाज की
पहचान होती है उसका आत्म सुधार तंत्र। सामाजिक कुप्रथाओं और कुरीतियों के
ख़िलाफ सदियों से हमारे देश में व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर लगातार प्रयास
होते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले बिहार
ने एक रोचक पहल की। राज्य में सामाजिक कुरीतियों को जड़ से मिटाने के लिए
13 हज़ार से अधिक किलोमीटर की विश्व की सबसे लम्बी मानव-श्रृंखला, बनाई गयी।
इस अभियान के द्वारा लोगों को बाल-विवाह और दहेज़-प्रथा जैसी बुराइयों के
खिलाफ़ जागरूक किया गया। दहेज़ और बाल-विवाह जैसी कुरीतियों से पूरे राज्य ने
लड़ने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री
ने कहा कि समाज के सभी लोगों को सही मायने में विकास का लाभ मिले इसके लिए
ज़रुरी है कि हमारा समाज इन कुरीतियों से मुक्त हो। आइये हम सब मिलकर ऐसी
कुरीतियों को समाज से ख़त्म करने की प्रतिज्ञा लें और ‘ न्यू इंडिया’ एक
सशक्त एवं समर्थ भारत का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व ही
हमने गणतन्त्र पर्व को बहुत ही उत्साह के साथ और इतिहास में पहली बार ऐसा
हुआ कि 10 देशों के मुखिया इस समारोह में उपस्थित रहे।
उन्होंने
कहा कि अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला ने नारी शक्ति को नई ऊंचाई दी। नारी
शक्ति देश, समाज को हमेशा एकता के सूत्र में बांधती है। नारी शक्ति हमेशा
प्रेरित करती आयी है। पुराणों में कहा गया है कि एक बेटी दस बेटे के बराबर
है। मोदी ने कहा कि आज हम
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की बात करते हैं लेकिन सदियों पहले हमारे
शास्त्रों में, स्कन्द-पुराण में इसके बारे में कहा गया है। चाहे वैदिक काल
की विदुषियां लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी की विद्वता हो या अक्का
महादेवी और मीराबाई का ज्ञान और भक्ति हो, चाहे अहिल्याबाई होलकर की शासन
व्यवस्था हो या रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, नारी शक्ति हमेशा हमें प्रेरित
करती आयी है।
मोदी
ने कहा कि सशक्तिकरण आत्मनिर्भरता का ही एक रूप है। हर क्षेत्र में ‘लेडीज
फर्स्ट’ हमारी नारी-शक्तियों ने समाज की रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए
असाधारण उपलब्धियाँ हासिल की, एक कीर्तिमान स्थापित किया। प्रधानमंत्री ने
इस संबंध में सुखोई विमान में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण
के उड़ान भरने, तीन बहादुर महिलाएँ भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी
चतुर्वेदी फाइटर्स पायलट बनने, क्षमता वाजपेयी की अगुवाई वाली पूर्ण महिला
चालक दल के दिल्ली से अमेरिका के सॉन फ्रांसिस्को और वापस दिल्ली तक एयर
इंडिया बोइंग जेट से उड़ान भरने का जिक्र किया।
उन्होंने
राष्ट्रपति द्वारा अपने क्षेत्र में काम करने वाली असाधारण महिलाओं के एक
समूह से मुलाकात, गणतंत्र दिवस परेड में अद्भुत करतब दिखाने वाली बीएसफ
की महिला बाइकर्स, पूर्ण रूप से महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित माटुंगा
रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़ में आदिवासी महिलाओं द्वारा ई रिक्शा चलाने का भी
जिक्र किया। साल 2018 में रेडियो पर प्रधानमंत्री का यह पहला ‘मन की बात’
कार्यक्रम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली सस्ती दवाओं के संबंध में प्राप्त एक
पत्र का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज देशभर में तीन हज़ार से ज्यादा
जन-औषधि केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं। इससे न सिर्फ दवाईयां सस्ती मिल
रही हैं बल्कि निजी उद्यमिता के लिए भी रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
सस्ती दवाईयां प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केन्द्रों और अस्पतालों के
‘अमृत स्टोर’ पर उपलब्ध हैं।
मोदी ने
पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाले लोगों के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने
कहा कि हमें इस बात का गर्व होगा कि कैसे-कैसे महान लोग हमारे बीच में हैं
और कैसे आज हमारे देश में सामान्य व्यक्ति बिना किसी सिफ़ारिश के उन
ऊँचाइयों तक पहुँच रहें हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ष पद्म-पुरस्कार देने
की परम्परा रही है लेकिन पिछले तीन वर्षों में इसकी पूरी प्रक्रिया बदल गई
है। अब कोई भी नागरिक किसी को भी मनोनित कर सकता है। पूरी प्रक्रिया आनलाइन हो गई है ।
उन्होंने
कहा कि हमारे आसपास ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं। उन्हें सामने लाना
चाहिए। वे मान-सम्मान के लिए ऐसा कार्य नहीं करते। उन्हें स्कूलों एवं
कॉलेजों में बुलाकर सुनना चाहिए। मोदी ने कहा कि हम नौ जनवरी को प्रवासी
भारतीय दिवस मनाते हैं, इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे ।
उन्होंने
कहा कि इस बार हमने इस मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें दुनिया
भर में भारतीय मूल के सभी सांसदों एवं मेयर को बुलाया था, बड़ी संख्या में
इसमें लोग शामिल हुए । उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे (प्रवासी
भारतीय) उस देश की तो सेवा कर ही रहे हैं, साथ ही भारत के साथ अपना मजबूत
संबंध बनाया रखा है।
प्रधानमंत्री ने
कहा कि 30 जनवरी को बापू की पुण्यतिथि है, उसे हम शहीद दिवस के रूप में
मनाते हैं। पूज्य बापू जिन आदर्शों को लेकर जीये, जो बातें उन्होंने हमें
बतायी वे आज भी प्रासंगिक हैं। वे कोरे सिद्धांत नहीं थे। उन्होंने कहा कि
वर्तमान में हम देखते हैं कि वे बातें कितनी सही थीं। हम उनके बताये रास्ते
पर चलें तो यह उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी ।