आतंकी हमले के बावजूद गर्भवती माँ ने नहीं मानी हार, बोली ‘मेरे बच्चे को दुनियां में आने से यमराज भी नहीं रोक सकता’

 

एक महिला के लिए माँ बनना जीवन के सबसे ख़ास लम्हों में से एक होता हैं. शादी के बाद से ही महिला माँ बनने के सपने देखने लगती हैं. यहाँ तक कि कुछ महिलाएं तो पहले से ही बच्चे का नाम तक सोच के रखती हैं. इसके बाद जब वे गर्भवती होती हैं तो उनकी ख़ुशी सातवे आसमान पर होती हैं. अपने पेट में पल रही नन्ही सी जान को वो पुरे 9 महीनो तक इसलिए संभाल के रखती हैं ताकि जब डिलेवरी का समय आए तो उसका बच्चा सही सलामत और स्वस्थ हालत में पैदा हो.
लेकिन जम्मू की रहने वाली एक गर्भवती महिला के इस सपने के ऊपर ऐसा खतरा मंडराया जिसे सुन आपकी भी रूह काँप उठेगी. दरअसल हाल ही में जम्मू के सुंजवान सैन्य शिविर पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में दुर्भाग्य से ये प्रेग्नेंट महिला भी फंस गई थी. हालत इतने खराब हुए कि हमले की वजह से ये गर्भवती महिला बुरी तरह घायल हो गई. घायल होने के बाद महिला को प्रसव पीड़ा भी शुरू हो गई. लेकिन घायल होने के बाद भी इस बहादुर प्रेग्नेट माँ ने हिम्मत नहीं हारी. उसने मन ही मन ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को दुनियां में कदम रखने से पहले ही मरने नहीं दूंगी. महिला अपने बच्चे की सलामती की दुआ कर ही रही थी कि भगवान ने उसकी सुन ली और उसे हमले के बीच उम्मीद की एक किरण नज़र आई.
दरअसल सैन्य शिविर में मौजूद सेना के कुछ जवानों की नज़र जब इस घायल गर्भवती महिला पर पड़ी तो उन्होंने अपनी जान की परवाह ना करते हुए महिला को वहां से बचा के जैसे तैसे हॉस्पिटल पहुंचा दिया. अस्पताल पहुँचने के बाद डॉक्टर्स ने घायल महिला का प्राथमिक इलाज किया और फिर ‘सी सेक्शन’ के जरिए उसके बच्चे की डिलेवरी भी करवा दी. फिलहाल महिला और बच्चा दोनों की हाल ठीक बताई जा रही हैं.
डिलीवरी के बाद महिला ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि’ मेरी और मेरे बच्चे की जान बचाने के लिए मैं सेना को धन्यवाद करती हूँ. आज उन्ही की बदौलत मेरा बच्चा इस दुनियां में सही सलामत आ सका हैं.’ इधर अस्पताल में महिला का ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर का कहाँ हैं कि महिला की डिलीवरी का ये केस नार्मल नहीं था. हम लोगो की कोशिश होती हैं कि जब भी इस अस्पताल में कोई गर्भवती महिला आए तो वो अपने बच्चे के साथ सही सलामत बाहर जाए. हमारी टीम ने महिला और बच्चे की जान बचाने के लिए जी जान लगा दी थी. हमें ख़ुशी हैं कि महिला और बच्चा दोनों अब ठीक हालत में हैं. साथ ही हमारा मरीज भी काफी खुश दिखाई दे रहा हैं.
बताते चले कि शनिवार सुबह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर लाइट इंफैंट्री की 36 ब्रिगेड के शिविर पर हमला बोल दिया था. इस हमले में सेना के जवानों ने ऑपरेशन चला के 4 आतंकियों को ढेर किया था . वहीँ हमले की वजह से सेना के 5 जवान शहिद हुए और एक नागरिक की मौत हो गई.