नंगे बिजली के तार से चिपक गए थे पति पत्नी, इस लड़की की सुझबुझ से ऐसे बची जान

 

आज के जमाने में बिजली के बिना हम एक दिन भी बिताने की कल्पना नहीं कर सकते है. इसे बिजली से हमें कई सारी सुविधाएँ मिलती हैं. लेकिन ये बिजली या जिसे हम करंट भी कहते हैं जितना लाभदायक हैं उतना ही ज्यादा खतरनाक भी हैं. इसके इस्तेमाल करते समय हमें काफी सावधानी बरतनी चाहिए. हर साल दुनियां भर में कई मौते बिजली का करंट लगने की वजह से होती हैं.
बिजली से जुड़ा ऐसा ही एक हादसा छत्तीसगढ़ के रायपुर के डौंडीलोहारा ब्लाॅक के वनांचल ग्राम गैंजी में हुआ. यहाँ एक पति पत्नी बिजली के तार की चपेट में आने के बाद झटपटा रहे थे. तभी पड़ोस में रहने वाली एक लड़की ने समझदारी दिखाई और दोनों की जान बचा ली. आइए विस्तार से जाने पूरा मामला…

ऐसे पति पत्नी आए करंट की चपेट में


दरअसल रविवार के दिन ग्राम गैंजी चेतनलाल तारम (53) सुबह नहा धो के घर के आँगन में कपड़े सुखाने गए थे. तभी उनका हाथ गलती से शौचालय में गए एक बिजली के तार से टकरा गया. यहाँ शौचालय में उन्होंने कच्ची वायरिंग कर रखी थी जिसकी वजह से वायर के बीच में एक कट था. चेतनलाल का हाथ इसी बिजली के तार के कट से टच हो गया और वे उससे चिपक के नीचे गिर पड़े. जब उनकी पत्नी सुमनबाई ने पति की चीख सुनी तो वो उसे बचाने दौड़ी. लेकिन उन्होंने पति को हाथो से खीचा तो वो भी करंट की वजह से उनके साथ चिपक गई.

पड़ोसी लड़की की सुझबुझ से बची दोनों की जान


पति पत्नी की चीख की आवाज सुन पड़ोस में रहने वाली 17 वर्षीय धनेश्वरी भुआर्य बाहर आई और पति पत्नी को बिजली के तार से चिपका देख उन्हें बचाने के लिए दौड़ी. लड़की ने चूल्हे के पास रख सुखी लकड़ी उठाई और तार को पीटना शुरू कर दिया. जल्द ही बिजली का तार पति पत्नी से अलग हो गया. इस हादसे की वजह से पति का हाथ झुलस गया जबकि पत्नी बेहोश हो गई. बाद में पड़ोसियों ने दोनों को अस्पताल पहुँचाया जहाँ उनकी हालत में सुधार हो रहा हैं.

स्कूल में सिखा आया काम


पड़ोसी लड़की (धनेश्वरी) की सुझबुझ और बहादुरी के चलते पति पत्नी की जान बच गई. गाँव के सभी लोग लड़की की इस समझदारी की काफी तारीफ कर रहे हैं. जब लड़की से इस विषय में पूछा गया तो उसने कहा कि “स्कूल में पढ़ाई के वक़्त हमें सिखाया गया था कि यदि करंट लग जाए तो सुखी लकड़ी का इस्तेमाल करना चाहिए.” आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लड़की के घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वो सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई कर सकी. उसका कहना हैं कि यदि मेरे घर की स्थिति अच्छी होती तो मैं कॉलेज भी जाती हैं. लेकिन मेरा ये सपना अधुरा रह गया. फिलहाल धनेश्वरी गाँव में खेती बाड़ी का काम करती हैं.
आज एक लड़की की पढ़ाई की वजह से दो लोगो की जान बच गई. उधर गाँव के सरपंच शांति भुआर्य का कहना हैं कि धनेश्वरी ने अपनी पढ़ाई का अच्छा इस्तेमाल किया हैं. उसे शासन की ओर से इस बहादुरी का इनाम भी मिलना चाहिए.