दहेज प्रथा को लेकर सरकार चाहे कितने भी कड़े कानून बना ले, लेकिन ये
प्रथा हमारे समाज से जाने का नाम ही नहीं ले रही। अब हमारे देश में कई ऐसे
लोग हैं जो दहेज प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं। सिर्फ दहेज लेना ही नहीं,
बल्कि दहेज के नाम पर प्रताड़ना और हत्या भी हमारे समाज का एक कड़वा सच है।
एक ऐसा ही मामला एक बार फिर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में देखने को
मिला। जहां एक डस्टर गाड़ी और बेटी पैदा होने की वजह से एक युवती को उसके
ही ससुराल वालों ने पीट- पीटकर मार डाला।

क्या है पूरा मामला
ये मामला यूपी के शाहजहांपुर जिले के सदर बाजार थाना क्षेत्र का है।
यहां रहने वाली 23 साल की मिताली की ससुराल में संदिग्ध हालत में मौत हो
गई। फिरोजाबाद के रहने वाले मृतका के पिता पृथ्वी नाथ ने बताया, ”22 महीने
पहले 26 अप्रैल 2016 को बेटी की शादी शाहजहांपुर के बहादुरगंज में की थी।”
मृतका का पति बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक में मैनेजर है। मृृतका के पिता की मानें
तो उनलोगों ने अपनी इकलौती बेटी की शादी में हर सामान उसके ससुराल वालों को
दिया था। शादी में 15 लाख की कार और 250 ग्राम सोना भी दहेज में दिया था।
उन्होंने शादी में करीब 40 लाख रुपए खर्च किए थे।

बताया जा रहा है कि शादी के कुछ दिन बाद ससुरालवालों ने डस्टर कार की
मांग की, जिसकी वजह से वो मिताली को पीटते थे। इस बीच मिताली प्रेग्नेंट भी
हो गई। ससुरालवालों ने यहां सबसे पहले तो यहां गैरकानूनी काम करते हुए
मिताली का अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला कि उसके पेट में बेटी पल रही है।
जिसके बाद वो लोग मिताली पर बेटी न पैदा करने का दबाव बनाने लगे और मारपीट
भी की। जिसके बाद मिताली के पिता बेटी को अपने घर ले आया और यहीं उसकी
डिलीवरी हुई। मिताली 5 महीने बाद फिर अपने ससुराल चली गई। जहां उसके साथ
फिर से मारपीट किया जाने लगा। इसी बीच मिताली के पिता को मालूम पड़ा कि
उसकी मौत हो गई है। जिसके बाद उन्होंने जाकर देखा तो मिताली का शव बिस्तर
पर पड़ा था। उसकी बॉडी पर बेरहमी से मार के निशान भी थे। पिता का कहना है
कि ‘मुझे पूरा यकीन है ससुरालवालों ने बेटी को बेरहमी से पीटा, जिसकी वजह
से उसकी मौत हुई।’

लड़की ने लिखा था नोट
शादी के 2 महीने बाद से पति और ससुरालवालों ने मुझे मेंटली और फिजिकली
टॉर्चर करना शुरू कर दिया था। प्रेग्नेंसी में भी उन्होंने टॉर्चर करना
नहीं छोड़ा। खाना नहीं देते थे, कमरे में बंद रखते थे। जब उन्हें पता चला
कि मेरे पेट में बच्ची पल रही है तो उन्होंने उसे पेट में ही मारने की
कोशिश की। मेरे देवर डॉक्टर हैं, एक दिन वो कमरे में आए, मैं सो रही थी,
उन्होंने मुझे एक इंजेक्शन लगाने की कोशिश की। किसी तरह मैंने उन्हें रोका।
उसके बाद पति ने मुझे बहुत मारा और घर से निकाल दिया। मायके में रहकर
मैंने बेटी को जन्म दिया। लेकिन मेरे पापा चाहते हैं कि मेरी बच्ची को उसके
पापा, दादा-दादी का प्यार मिले। इसलिए वो मुझे ससुराल भेज रहे हैं। लेकिन
मैं जाना नहीं चाहती, मुझे नहीं पता कि वो लोग मेरे साथ क्या-क्या करेंगे।
मुझे कितना मारेंगे या टॉर्चर करेंगे। अगर मुझे एक खंरोच तक आती है तो इसके
जिम्मेदार मेरे ससुर, ननद, देवर और पति होंगे।

पति, ससुर और देवर फरार
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मृतका के पिता के अनुसार
उसके ससुराल वालों पर केस दर्ज कर दिया है। वहीं आरोपी पति, देवर और ससुर
घटना के बाद से ही फरार हैं, जबकि पुलिस ने सास को हिरासत में ले लिया है।
