डाटा प्राइवेसी स्कैंडल के लिए फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने मांफी
मांगी है। ब्रटेन के सभी राष्ट्रीय अखबारों में उनका एक फुल पेज पर
विज्ञापन के जरिए माफीनामा लिखा गया है। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर आपकी
जानकारियों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है। अगर हम ऐसा करने में सक्षम
नहीं हैं तो हम इस लायक नहीं है।
2014 में हुआ था लाखों लोगों का डेटा लीक
फेसबुक प्रमुख ने बताया कि एक यूनिवर्सिटी रिसर्चर द्वारा एक क्विज बनाई गई, जिससे वर्ष 2014 में लाखों लोगों का फेसबुक डाटा लीक हुआ था। यह लोगों भरोसा तोड़ने जैसे है। हमें खेद है कि हम उस वक्त ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। अब फेसबुक यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा हैं कि आगे ऐसा कुछ भी न हो।
सभी ऐप की हो रही है जांच
मार्क जुकरबर्ग द्वारा दिए गए सार्वजनिक बयान पर ही यह विज्ञापन है। यूरोप और अमेरिका में जांच के बाद गिरते शेयर के बाद उन्होंने यह बयान दिया था। उन्होंने कहा कि अब फेसबुक के नियमों में बदलाव किया है, जिससे आगे से ऐसा कोई डेटा उल्लंघन नहीं होगा। मार्क ने कहा कि हम हर ऐप की जांच कर रहे हैं। जो ज्यादा डेटा एस्सिस करता है उसे तुरंत बैन किया जाएगा। जो भी इससे प्रभावित होगा, उसे तत्काल सूचित किया जाएगा।
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2016 में हुए अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अभियान में काम करने वाली फर्म कैंब्रिज एनालिटिका पर डेटा लीक के आरोप हैं। इस विज्ञापन में उसका कोई जिक्र नहीं किया गया है। डेटा उल्लंघन के लिए केवल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर एलेक्जेंडर कोगन को दोषी माना गया है।
2014 में हुआ था लाखों लोगों का डेटा लीक
फेसबुक प्रमुख ने बताया कि एक यूनिवर्सिटी रिसर्चर द्वारा एक क्विज बनाई गई, जिससे वर्ष 2014 में लाखों लोगों का फेसबुक डाटा लीक हुआ था। यह लोगों भरोसा तोड़ने जैसे है। हमें खेद है कि हम उस वक्त ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। अब फेसबुक यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा हैं कि आगे ऐसा कुछ भी न हो।
सभी ऐप की हो रही है जांच
मार्क जुकरबर्ग द्वारा दिए गए सार्वजनिक बयान पर ही यह विज्ञापन है। यूरोप और अमेरिका में जांच के बाद गिरते शेयर के बाद उन्होंने यह बयान दिया था। उन्होंने कहा कि अब फेसबुक के नियमों में बदलाव किया है, जिससे आगे से ऐसा कोई डेटा उल्लंघन नहीं होगा। मार्क ने कहा कि हम हर ऐप की जांच कर रहे हैं। जो ज्यादा डेटा एस्सिस करता है उसे तुरंत बैन किया जाएगा। जो भी इससे प्रभावित होगा, उसे तत्काल सूचित किया जाएगा।
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2016 में हुए अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अभियान में काम करने वाली फर्म कैंब्रिज एनालिटिका पर डेटा लीक के आरोप हैं। इस विज्ञापन में उसका कोई जिक्र नहीं किया गया है। डेटा उल्लंघन के लिए केवल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर एलेक्जेंडर कोगन को दोषी माना गया है।