फेसबुक डाटा लीक मामले में ब्रिटिश फर्म
कैंब्रिज एनालिटिका (सीए) के पूर्व कर्मचारी क्रिस्टोफर वाइली (28) ने बड़ा
रहस्योद्घाटन किया है। ब्रिटेन की एक संसदीय समिति के समक्ष उन्होंने कहा
कि भारत में सीए बड़े पैमाने पर काम कर चुकी है। उसका दफ्तर वहां पर भी है।
उन्होंने सीए के ग्राहकों में भारत की राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के भी
शामिल होने का जिक्र किया। बता दें कि सीए ने करीब पांच करोड़ फेसबुक
यूजर्स के डाटा एक एप के जरिये हासिल किए थे। इन आंकड़ों का कथित रूप से
दुरुपयोग किया गया था। हालांकि, सीए ने इससे इन्कार किया है।
डाटा लीक मामले में कैंब्रिज एनालिटिका की
भूमिका की ब्रिटिश संसद की डिजिटल, कल्चर, मीडिया कमेटी जांच कर रही है।
समिति की पूछताछ में मंगलवार को वाइली ने बताया, 'मेरा मानना है कि
कांग्रेस भी उसकी एक क्लाइंट थी, लेकिन मैं जानता हूं कि उसने सभी प्रकार
के प्रोजेक्ट पर काम किया था। मुझे कोई राष्ट्रीय प्रोजेक्ट याद नहीं है,
लेकिन मैं क्षेत्रीय स्तर पर जानता हूं। भारत इतना बड़ा देश है कि इसका एक
राज्य ब्रिटेन जितना बड़ा हो सकता है।' इस समिति के एक सदस्य ने जब भारत के
संदर्भ में सवाल पूछे तो वाइली ने कहा, 'भारत फेसबुक के लिए बड़ा बाजार
है। यह एक ऐसा देश है, जहां सियासी स्तर पर विरोध और अस्थिरता के तमाम अवसर
हैं। उसने (सीए) भारत में बड़े पैमाने पर काम किया और उसका एक दफ्तर वहां
पर है।' डाटा लीक उजागर होने के बाद भारत की सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस
के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। वाइली ने समिति को भारत से जुड़े
दस्तावेज भी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया।
समिति की पूछताछ के दौरान वाइली ने यह भी
बताया कि उनके पूर्ववर्ती और कैंब्रिज एनालिटिका की मूल कंपनी एससीएल
(स्ट्रैटेजिक कम्यूनिकेशन लेबोरेटरीज) में चुनाव विभाग के प्रमुख डैन
मूरेसन भी केन्या में मौत से पहले भारत में काम कर रहे थे। रोमानियाई
नागरिक मूरेसन की केन्या के एक होटल में संदिग्ध हालात में जहर से मौत हो
गई थी। 'पर्सनलडाटा.आइओ' के सहसंस्थापक पॉल ऑलिवर डेहाये ने समिति के समक्ष
कहा कि उन्होंने ऐसी खबरें सुनी थीं कि मूरेसन को कोई ऐसा भारतीय धनी
व्यक्ति पैसे दे रहा था जो चाहता था कि कांग्रेस चुनाव हार जाए। डेहाये ने
कहा, 'वह ऐसा दिखावा कर रहे थे कि वह उस पार्टी के लिए काम कर रहे हैं,
लेकिन वास्तव में वह गुप्त रूप से किसी और से पैसे ले रहे थे।' उन्होंने
कहा कि इस मामले की जांच के लिए केन्या और भारतीय पत्रकारों को साथ में काम
करना चाहिए।
रिपब्लिकन वोटरों की हुई थी पहचान
कैंब्रिज एनालिटिका के पूर्व कर्मचारी
क्रिस्टोफर वाइली ने ब्रिटिश संसदीय समिति को बताया कि कनाडा की कंपनी
एग्रेगेटआइक्यू ने रिपन नामक एक साफ्टवेयर पर काम किया था। साल 2016 में
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से पहले रिपब्लिकन वोटरों की पहचान के लिए इस
साफ्टवेयर का उपयोग किया गया था। इसके पहले वाइली ने यह उजागर किया कि
फेसबुक यूजर्स के डाटा का उपयोग सीए ने कथित तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान के दौरान किया था।
ब्रिटिश सांसदों को जवाब नहीं देंगे जुकरबर्ग
फेसबुक के सह संस्थापक और सीईओ मार्क
जुकरबर्ग डाटा लीक मामले में ब्रिटेन के सांसदों के सवालों का जवाब नहीं
देंगे। मीडिया में आई खबरों के अनुसार, वह मामले की जांच कर रही संसदीय
समिति में पेश होने के लिए अपने चीफ टेक्निकल ऑफिसर या चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर
को भेज सकते हैं।
कांग्रेस और राहुल माफी मांगे : रविशंकर प्रसाद
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने
मंगलवार को कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका के पूर्व कर्मचारी के दावे से इस बात
की पुष्टि हो गई है कि कांग्रेस उसकी ग्राहक थी। राहुल गांधी लोगों का
ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब उनका राज फाश हो गया है। लिहाजा
कांग्रेस और राहुल गांधी को अब देश से माफी मांगनी चाहिए। इस गवाही से वह
बात साबित हो गई है जो भाजपा पहले दिन से कह रही थी। रविशंकर प्रसाद ने
कांग्रेस के उस आरोप को भी खारिज कर दिया कि भाजपा ने इस कंपनी की सेवाएं
ली थीं।