2019 में बीजेपी की नैया पार लगाएंगे 'दलित मित्र' योगी आदित्यनाथ?

Ambedkar Jayanti: Yogi Adityanath felicitated with Dalit Mitra title 

यूपी में अंबेडकर जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘दलित मित्र’ की उपमा दी गई. लखनऊ में एक कार्यक्रम में अंबेडकर महासभा ने आज उन्हें इस नए नाम से सम्मानित किया. महासभा ने एलान किया कि अगली बार पीएम नरेंद्र मोदी को ‘दलित मित्र’ बनाया जाएगा. बीजेपी अंबेडकर जयंती के बहाने दलितों को रिझाने में जुटी हुई है.

मायावती-अखिलेश के साथ आने से परेशानी में बीजेपी

मामला अगले लोकसभा चुनाव का है. दलित वोटों के लिए मारामारी मची हुई है. यूपी के 21 प्रतिशत दलित वोटर किसी पार्टी का खेल बना सकते है तो खराब भी कर सकते है. मायावती और अखिलेश यादव के साथ आ जाने से बीजेपी की परेशानी बढ़ गयी है. पीएम नरेंद्र मोदी को इस बात का एहसास है. सीएम योगी आदित्यनाथ को भी ये पता है.

दलितों को 'अपना' बताने और दिखाने के लिए बीजेपी हर दांव आजमा लेना चाहती है. अंबेडकर महासभा का योगी को 'दलित मित्र' बनाना इसी कोशिश की एक कड़ी है. वैसे महासभा के कई लोगों ने इस फैसले का विरोध भी किया. इस मौके पर सीएम योगी बोले, "बाबा साहेब का सम्मान तो हम ही करते है, बाकी तो बस बातें करते हैं."

बदल गए हैं सीएम योगी के भाषण

इन दिनों योगी आदित्यनाथ के भाषण बदल गए हैं. वे जहां भी जाते है ये जरूर बताते है कि उनकी सरकार ने दलितों के लिए क्या क्या किया. आगे और क्या करने का इरादा और वादा है. पीएम आवास योजना और उज्ज्वला योजना में कितने दलितों को घर और गैस कनेक्शन मिले,  योगी इसके आंकड़े बताते हैं.

यूपी में बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा

यूपी में बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अगर ऐसा ही होता तो फिर दलित सांसदों को पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी नहीं लिखनी पड़ती. बीजेपी के एमपी यशवंत सिंह ने तो यहां तक लिख दिया कि मोदी राज में अब तक एक भी काम नहीं हुआ है. बहराईच की एमपी सावित्री बाई फूले तो घूम घूम कर रैली कर रही हैं.

यूपी में आए दिन अंबेडकर की मूर्तियां टूट रही हैं

यूपी में योगी राज में बाबा साहेब अंबेडकर अब भीमराव रामजी अंबेडकर बन गए हैं. हर सरकारी ऑफिस में अंबेडकर के फोटो लगाने के आदेश दिए गए हैं. बीजेपी के नेता बाबा साहेब का गुणगान करते नहीं थकते लेकिन ये भी सच है कि आए दिन अंबेडकर की मूर्तियां टूट रही हैं.

दलितों के भारत बंद के दौरान एमपी के बाद सबसे अधिक हिंसा और हंगामा यूपी में ही हुआ. दलित बिरादरी के नौजवानों पर मुक़दमे हुए तो बीजेपी के सांसद ही विरोध में आ गए. दलितों को मनाना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. खतरा घर के अंदर भी है और और मायावती जैसे विरोधियों से भी है.