लश्कर के आतंकी मक्की ने गुरु नानक देव का किया अपमान


आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के दूसरे कमांडर और हाफिज सईद के साले अब्दुल रहमान मक्की द्वारा सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी का अपमान करने का मामला सामने आया है। मुल्तान में लशकर और जमात-उद-दावा के समर्थकों को संबोधित करते हुए मक्की ने कहा कि इस्लाम को बदनाम करने का षड्यंत्र सदियों से जारी है और इस साजिश में गुरु नानक भी शामिल थे। यही नहीं मक्की ने गुरु नानक देव के खिलाफ अपमानजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया।

सिखों पर लगाए कई आरोप 
मक्की ने कहा कि 350 साल पहले हिंदुओं ने मुस्लिमों को कमजोर करने के लिए इस्लाम के खिलाफ बुरी साजिश रची थी। मुस्लिमों को हिन्दू धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया था। उसने आरोप लगाया कि पेशावर तक सिख धर्म फैलाने के लिए पंजाब में बाबा नानक को बढ़ावा दिया गया था। मुस्लिमों को मनाने के लिए काफी प्रयास किए गए थे। ये तक कहा गया था कि सिख धर्म भगवान की एकता में विश्वास करता है। सिख मुस्लिमों जैसे दाढ़ी भी रखते हैं और कुरान के कुछ शब्दों और वाक्याशों का भी इस्तेमाल करते हैं। उस समय लोग नहीं समझ पाए थे कि सिख पूरी तरफ से गैर इस्लामिक  हैं और उनके साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।

गुरु नानक देव जी ने की सिख धर्म की स्थापना
लश्कर आतंकी ने कहा कि बाबा नानक को पंजाब में प्रोत्साहित किया गया ताकि वे सिख धर्म को पेशावर तक फैला सकें। उसने कहा कि सिख काफिर, धाखेबाज, और पूरी तरह से गैर-इस्लामिक होते हैं। गौरतलब है कि गुरु नानक देव का जन्म लाहौर शहर के पास वर्तमान ननकाना साहिब में राय भोई की तलवंडी में हुआ था। गुरु नानक देव ने सिख धर्म की स्थापना की, सिखों के दस गुरुओं में वे प्रथम है। मौजूदा समय में पाकिस्तान में सिखों की संख्या कम हो गई है। 1947 में बंटवारे के समय सिखों की एक बड़ी आबादी ने भारत में ही रहने का फैसला किया।