जम्मू
का रधुनाथ मंदिर पूरे भारत का एकमात्र एेसा मंदिर जहां तैंतीस करोड़
देवी-देवता एक साथ विराजमान हैं। यही यह मंदिर पूरे देश की आस्था का प्रतीक
है। इस मंदिर में एक साथ कईं देवी-देवता विराजमान हैं, लेकिन इस मंदिर का
नाम हिंदू धर्म के भगवान मर्यादा पुरषोत्म श्री राम के नाम रधुनाथ मंदिर से
प्रसिद्ध है। यह मंदिर भारतीय कला को बखूबी से दर्शाता है। उत्तर भारत के
प्रमुख नगर जम्मू के ह्रदय में बसा यह मंदिर छोटे-बड़े अन्य कई मंदिरों के
समूह से घिरा है।
मुगल शिल्पकारी और हिंदू धर्म की बेजोड़ मिसाल है जम्मू का यह मंदिर-
इस मंदिर का निर्माण कार्य 1836 में महाराजा गुलाब सिंह द्वारा करवाया गया था जिसे बाद में उनके पुत्र महाराजा रणवीर सिंह ने इसे समपन्न करवाया था। इस मंदिर के भीतर 7 ऐतिहासिक धार्मिक परिसर है। जिसमें से राम मंदिर स्वर्ण का है जो कि तेज का स्वरूप है। मंदिर के भीतर दीवारों पर तीन तरफ सोने की परत चढ़ी हुई है।
इस मंदिर का निर्माण कार्य 1836 में महाराजा गुलाब सिंह द्वारा करवाया गया था जिसे बाद में उनके पुत्र महाराजा रणवीर सिंह ने इसे समपन्न करवाया था। इस मंदिर के भीतर 7 ऐतिहासिक धार्मिक परिसर है। जिसमें से राम मंदिर स्वर्ण का है जो कि तेज का स्वरूप है। मंदिर के भीतर दीवारों पर तीन तरफ सोने की परत चढ़ी हुई है।
एेसी मान्यता है कि महाराज गुलाब सिंह को इस
मंदिर के निर्माण की प्रेरणा श्री राम दास वैरागी से मिली थी। रामदास
वैरागी ने गुलाब सिंह के राजा बनने की भविष्यवाणी की थी। जो कि बाद में
सत्य निकली। रामदास वैरागी भगवान श्रीराम के बहुत बड़े भक्त थे। वे भगवान
राम के आदर्शों का प्रचार करने अयोध्या से जम्मू आए व सुई सिम्बली में
कुटिया बनाकर यही बस गए थे। इन्होंने ने ही जम्मू क्षेत्र के पहले राम
मंदिर का निर्माण सुई सिम्बली में करवाया था।
इस प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर पर नवंबर 2002
में आतंकी हमला भी हो चुका है। जिसके बाद से इस मंदिर के कपाट कुछ समय के
लिए बंद कर दिए गए थे। हमले के 11 वर्ष बाद साल 2013 में एक बार फिर से
मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए।
इस रधुनाथ मंदिर में सभी त्योहार बड़ी धूमधाम
से मानाए जाते हैं पर रामनवमी के पर्व पर तो इस मंदिर की धूम देखने लायक
होती है। मंदिर में अन्य कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं तथा
हिंदू धर्म के 33 करोड़ देवी-देवताओं के लिंगम भी स्थापित हैं जो इसके
इतिहास को और दिलचस्प बनाता है। यही विशेषता इस मंदिर को भारत के सभी
मंदिरों से विभिन्न व आकर्षित बनाती हैं।
रधुनाथ मंदिर बाहर से पांच कलश के रूप में
नजर आता है। गर्भ गृह में राम-सीता व लक्ष्मण की प्रतिमाएं स्थापित हैं। इस
मंदिर की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें रामायण व महाभारत काल के कई
चरित्रों की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं।
इसके अलावा एक कक्ष में चारों धाम
रामेश्वरम, द्वारकाधीष, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ के दर्शन करने को मिलते हैं।
साथ ही इस कक्ष के बीचो बीच उकेरा गया सूर्य बहुत सुंदर हैं