केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि संवैधानिक
संस्थाओं का सम्मान होना चाहिए और उनके फैसलों तथा अधिकारों को चुनौती नहीं
दी जानी चाहिए. सिंह आज यहां एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे.
बाद में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश के
खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस पर पूछे गए एक सवाल के जवाब के
दौरान संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान की बात कहीं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के फैसलों का हमें सम्मान
करना चाहिए और उनके फैसलों तथा अधिकारों को चुनौती नहीं दी जानी चाहिए.
हमारी सरकार संवैधानिक संस्थाओं का पूरा सम्मान करती है और हम उनके
अधिकारों के पक्षधर है.’’
'राहुल बिना किसी मुद्दों के राजनीति करते हैं'
कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी के विमान में तकनीकी गड़बड़ी संबंधी सवाल पर सिंह ने कहा कि राहुल बिना किसी मुद्दे की राजनीति करते है. इस तरह के आरोपों से जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता. मुद्दों के आधार पर राजनीति की जानी चाहिए. यह राहुल की हताशा का परिणाम है क्योंकि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है.
कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी के विमान में तकनीकी गड़बड़ी संबंधी सवाल पर सिंह ने कहा कि राहुल बिना किसी मुद्दे की राजनीति करते है. इस तरह के आरोपों से जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता. मुद्दों के आधार पर राजनीति की जानी चाहिए. यह राहुल की हताशा का परिणाम है क्योंकि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है.
'चीन के साथ संबंध सही दिशा में बढ़ रहे हैं'
उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारे संबंध सही दिशा में आगे बढ़ रहे है और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान चीन ने पूरे सहयोग का भरोसा भी दिलाया है, इसलिए हमारी जो तैयारियां चीन की सीमाओं से लगी भारतीय क्षेत्रों में चल रही है वे यथावत चलती रहेगी. कश्मीर मुद्दे पर सिंह ने कहा कि सैनिक कार्यवाही सही दिशा में है और हम ऐसी कार्यवाहियां करते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारे संबंध सही दिशा में आगे बढ़ रहे है और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान चीन ने पूरे सहयोग का भरोसा भी दिलाया है, इसलिए हमारी जो तैयारियां चीन की सीमाओं से लगी भारतीय क्षेत्रों में चल रही है वे यथावत चलती रहेगी. कश्मीर मुद्दे पर सिंह ने कहा कि सैनिक कार्यवाही सही दिशा में है और हम ऐसी कार्यवाहियां करते रहेंगे.
एक अन्य सवाल के जवाब में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा,‘‘ हम
विस्तारवादी नीति में भरोसा नहीं करते और काश्मीर पर हमारी नीति पूर्व की
तरह ही है और उसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है.’’