कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है।
कांग्रेस पार्टी के लिए चुनाव प्रचार में जुटे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल
गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बाला। उन्होंने
पीएम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया के ‘‘
प्रतिक्रियावादी’’ नेता करार देते हुए कहा कि इन दोनों को बेरोजगारी से
नाराज युवा इन सत्ता में लेकर आए थे। कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार भाजपा और
आरएसएस से आज भारतीय युवा नाराज है।
पीएम मोदी से जनता नाराज
राहुल ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय व्यवस्था मूलत: उन्हें नौकरियां देने में सक्षम नहीं है क्योंकि हम, चीन से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं। हर पश्चिमी देश में ऐसे लाखों लोग हैं जिन्हें वे रोजगार नहीं दे सकते और इन लोगों ने ट्रंप जैसे प्रतिक्रियावादी नेताओं के लिये मतदान किया। इन लोगों ने मिस्टर मोदी के लिये मतदान किया। राहुल ने कहा कि जब तक भारत रोजगार की समस्या का समाधान नहीं करता है और चीन के साथ प्रभावी तरीके से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं है तब तक समाज में यह गुस्सा रहेगा। उन्होंने सभा में कहा कि भारत चीन से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं है क्योंकि रोजगार सृजन का पूरा ध्यान 10 या 15 लोगों पर केंद्रित है।
संसद पर नौकरशाहों का कब्जा
राहुल ने अपने संबोधन में कहा कि राजनीति की पहुंच छोटे और मझोले कारोबार तक सुलभ बनायी जाए, संसद, विधानसभाओं को काम करने दिया जाए। उन्होंने कहा कि आज संसद में क्या हुआ है। संसद की शक्ति पर पीएमओ और पांच या छह नौकरशाहों ने कब्जा कर लिया है। आपको फिर से संसद को शक्ति देनी होगी। उन्होंने देशभर में उदार, धर्मनिरपेक्ष और गणतांत्रिक मूल्यों के प्रसार के लिये ‘ समृद्ध भारत फाउन्डेशन’ नाम के एक मंच को शुरू करने के लिये आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। इसके न्यासियों में जाने- माने फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल और उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता के टी एस तुलसी भी शामिल रहे।
पीएम मोदी से जनता नाराज
राहुल ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय व्यवस्था मूलत: उन्हें नौकरियां देने में सक्षम नहीं है क्योंकि हम, चीन से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं। हर पश्चिमी देश में ऐसे लाखों लोग हैं जिन्हें वे रोजगार नहीं दे सकते और इन लोगों ने ट्रंप जैसे प्रतिक्रियावादी नेताओं के लिये मतदान किया। इन लोगों ने मिस्टर मोदी के लिये मतदान किया। राहुल ने कहा कि जब तक भारत रोजगार की समस्या का समाधान नहीं करता है और चीन के साथ प्रभावी तरीके से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं है तब तक समाज में यह गुस्सा रहेगा। उन्होंने सभा में कहा कि भारत चीन से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं है क्योंकि रोजगार सृजन का पूरा ध्यान 10 या 15 लोगों पर केंद्रित है।
संसद पर नौकरशाहों का कब्जा
राहुल ने अपने संबोधन में कहा कि राजनीति की पहुंच छोटे और मझोले कारोबार तक सुलभ बनायी जाए, संसद, विधानसभाओं को काम करने दिया जाए। उन्होंने कहा कि आज संसद में क्या हुआ है। संसद की शक्ति पर पीएमओ और पांच या छह नौकरशाहों ने कब्जा कर लिया है। आपको फिर से संसद को शक्ति देनी होगी। उन्होंने देशभर में उदार, धर्मनिरपेक्ष और गणतांत्रिक मूल्यों के प्रसार के लिये ‘ समृद्ध भारत फाउन्डेशन’ नाम के एक मंच को शुरू करने के लिये आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। इसके न्यासियों में जाने- माने फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल और उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता के टी एस तुलसी भी शामिल रहे।