चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में देशद्रोही कांग्रेस को बड़ा झटका

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राज्य में फर्जी मतदाता होने की कांग्रेस की शिकायत को चुनाव आयोग ने गलत बताया है। आयोग ने शुक्रवार शाम कांग्रेस को जांच की एक रिपोर्ट भेजी। जिसमें कहा गया है कि ‘शिकायत के आधार पर गठित जांच दलों ने राज्य के चार विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूचियों का निरीक्षण किया, जिनमें गड़बड़ी जैसी कोई कोई बात नहीं मिली है’।

इन विस क्षेत्रों में कि EC ने की जांच
चुनाव आयोग ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की शिकायत पर गड़बड़ी बताए जाने वाले विधानसभा क्षेत्रों नरेला, होशंगाबाद, भोजपुर और सिओनी मालवा में मतदाता सूचियों की जांच कराई। कमलनाथ ने तीन जून को इन विस क्षेत्रों में फर्जी मतदाता होने की शिकायत की थी।

सिओनी में ऐसी रही EC की जांच
सिओनी मालवा क्षेत्र में 17 मतदान केन्द्रों की 82 सूचियों में से किसी में भी मतदाताओं के नाम का एक से अधिक बार नहीं पाया गया। इसी विधानसभा क्षेत्र के 20 मतदान केन्द्रों की मतदाता सूचियों में 2442 मतदाताओं के नाम मिलते-जुलते पाए गए। इसकी जांच में 2397 नाम सही पाए गए, जबकि 45 नामों को संबद्ध मतदाता की मौत या स्थानांतरण के कारण मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया चल रही है।

आयोग ने पेश किए आंकड़े
आयोग ने पूरी जांच के आधार पर कहा कि इन चारों विधानसभा क्षेत्रों में एक ही मतदाता का नाम मतदाता सूची में कई बार दर्ज होने की शिकायत सही नहीं है। आयोग ने फर्जी मतदाता सूची की शिकायत पर कहा कि मध्य प्रदेश में जनसंख्या के हिसाब से मतदाताओं की हिस्सेदारी साल 2008 में 52.76 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 61.45 प्रतिशत हो गयी है। इसलिए जनसांख्यकीय आंकड़ों के आधार पर मतदाता सूचियों को अपडेट किया गया है। इस आधार पर इसे फर्जी मतदाता सूची का मामला नहीं माना जा सकता है।

कमलनाथ ने की थी 60 लाख फर्जी वोटर्स की शिकायत
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनाव आयोग से 1 जनवरी, 2018 को प्रकाशित हुई वोटर लिस्ट में 60 लाख फर्जी वोटरों के होने की शिकायत की थी। उन्होंने पूरी वोटर लिस्ट पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से इस फर्जीवाड़े की जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग को 192 विधानसभाओं में शामिल फर्जी मतदाताओं की सीडी भी सौंपी थी।