विश्व योगगुरु के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले बाबा रामदेव अपनी योगा के
अलावा राजनीतिक मामलों में भी सुर्खियों में रहते हैं। राजनेताओं से लेकर
बॉलीवुड सितारे तक बाबा रामदेव की फैन लिस्ट में शुमार हैं। देश ही नहीं
बल्कि विदेश में भी योगगुरु के चर्चे हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की मानें
ता रामदेव नरेंद्र मोदी से ज्यादा ताकतवर हैं और वी भविष्य में भारत के
प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
अमेरिका के जाने माने अख़बार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने बाबा रामदेव के
कारोबार और उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को लेकर एक स्टोरी प्रकाशित की है।
जिसमें उनके जीवन के शुरुआती संघर्ष को बताया गया। मशहूर अमेरिकी लेखक
रॉबर्ट एफ वर्थ ने बताया कि कैसे योगगुरु भारतीय मध्यम वर्ग में अपने बड़े
योग शिविरों और टेलीविजन की मदद से लोकप्रियता हासिल करते गए। उन्होंने
अपनी दवा-और उपभोक्ता सामान कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को कई अरब डॉलर का बना
दिया। बता दें कि रॉबर्ट एफ वर्थ Arab Spring uprisings of 2011, और “A
Rage for Order जैसी मशहूर किताबें लिख चुके हैं।
लेख में लिखा कि बाबा रामदेव अपने तरीके से भारत के डोनाल्ड ट्रम्प हैं।
भारत में बहुत सी अटकलें लगाई जाती हैं कि आने वाले समय में वह खुद
प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। वर्थ ने लिखा कि ट्रंप के
जैसे उनके पास अरबों का साम्राज्य है। ट्रंप के जैसे वह बहुत बड़ी टीवी
शख्सियत हैं। मई में रामदेव ने आटा नूडल, अन्य हर्बल दवाओं, गो मूत्र से
बने फ्लोर क्लीनर के बाद उन्होंने स्वदेशी सिम कार्ड लाने की घोषणा की थी।
एक तरह से देखा जाए तो रामदेव कई मायनें में ट्रंप के जैसे हैं। न्यूयॉर्क
टाइम्स लिखता है कि रामदेव ने 2014 में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन
चलाया था। जिसने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवाने में मदद की। रामदेव
ने कई मौकों पर पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया अखबार ने रामदेव को पीएम
मोदी का करीबी मित्र बताया।
लेख में लिखा कि योगगुरू का नाम और चेहरा भारत में हर जगह जाना जाता
है।रामदेव की तुलना दक्षिण-पूर्ण के बापटिस्ट फायरब्रांड बिली ग्राहम से की
गई जो अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों को सलाह देते रहे हैं और ईसाई धर्म को
नई ऊर्जा दी। लेख में इस बात का भी जिक्र है कि पिछले साल अदालत ने रामदेव
के जीवन पर लिखी एक किताब पर रिलीज होने से पहले ही प्रतिबन्ध लगा दिया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार रामदेव किसी भी प्रधानमंत्री की तुलना में
अधिक शक्तिशाली हैं। वह पूरी तरह से नई नस्ल हो सकते है। एक पॉपुलिस्ट
टाइकून है जिनके पास अपने आलोचकों से बचने के लिए विशाल संख्या में
फॉलोवर्स हैं।