प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पहली बार अंडमान-निकोबार पहुंचे।
यहां उन्होंने सी-वॉल समेत कई परियोजनाओं की नींव रखी। मोदी ने रॉस आइलैंड,
नील आइलैंड और हैवलॉक आइलैंड के नाम बदलने का ऐलान किया। इन्हें क्रमश:
नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद और स्वराज नाम दिया गया।
30 दिसंबर 1943 को नेताजी ने दूसरे विश्व युद्ध में जापानियों द्वारा इन
द्वीपों पर कब्जा किए जाने के बाद यहां पहली बार तिरंगा फहराया था।
प्रधानमंत्री ने कार निकोबार में सात मेगावॉट के सौर विद्युत संयंत्र और
सौर गांव का लोकार्पण किया। उन्होंने अरोंग में आईटीआई और कार निकोबार में
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया।
150 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया
मोदी ने अंडमान-निकोबार की सेल्यूलर जेल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
वीर सावरकर की कोठरी में उन्होंने ध्यान लगाया। ब्रिटिश शासन में कालापानी
की सजा के दौरान वीर सावरकर यहीं रहे थे। मोदी ने पोर्ट ब्लेयर के साउथ
पॉइंट पर 150 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया। साथ ही मरीना पार्क में नेताजी की
मूर्ति पर फूल चढ़ाए। पोर्ट ब्लेयर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 75 साल
पहले तिरंगा फहराया था। तब उन्होंने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का नाम
बदलकर शहीद और स्वराज द्वीप करने का सुझाव दिया था। इससे पहले मोदी ने कार
निकोबार में 2004 की सुनामी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी।
पोर्ट ब्लेयर में मोदी ने सभा को किया संबोधित
मोदी ने पोर्ट ब्लेयर में कहा- सुभाष बाबू का यह मानना था कि हम प्राचीन काल से एक हैं। गुलामी के समय इस एकता को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास जरूर हुआ। आज मुझे प्रसन्नता है कि नेताजी की भावनाओं के अनुरूप आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
''आज हम मेनलैंड और आईलैंड की बात करते हैं। मेरे लिए यहां का कण-कण मेनलैंड है। पोर्ट ब्लेयर उतना ही मेनलैंड है जितनी मुंबई, दिल्ली और चेन्नई है।''
''इंटीग्रेशन की भावना तब और मजबूत हो जाती है जब इतिहास के नायकों को याद रखते हैं। जो देश अपने वास्तविक नायकों, इतिहास, सम्मान को सदैव दूर रखता है वह तरक्की नहीं कर सकता है। जो इसे संभाल लेता है, वह उतना सशक्त होता है।''
''मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस डीम्ड यूनिवर्सिटी की भी घोषणा करता हूं। देश के कोने-कोने, जन-जन का विकास होना चाहिए। अंडमान-निकोबार के विकास के लिए सरकार ने एक योजना बनाई है। इसका नाम लक्षद्वीप एंड अंडमान डेवलमेंट स्कीम। जो भी उद्योगपति यहां इकोफ्रेंडली प्लांट लगाएंगे, उन्हें सरकार मदद देगी। इससे टूरिज्म और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।''
कार निकोबार में जनसभा में प्रधानमंत्री ने और क्या कहा?
‘‘आपके पास प्रकृति का अद्भुत खजाना तो है ही, आपकी संस्कृति, परंपरा, कला और कौशल भी बेहतरीन है। थोड़ी देर पहले यहां पर जो नृत्य प्रस्तुत किया गया, बच्चों ने जो कला का प्रदर्शन किया, वो दिखाता है कि भारत की सांस्कृतिक संपन्नता हिंद महासागर जितनी ही विराट है।’’
‘‘बीते चार वर्षों से मेरा यह निरंतर प्रयास रहा है कि प्रधानमंत्री होने के नाते मैं खुद देश के कोने कोने में जाऊं और आपसे संवाद करूं। सबका साथ, सबका विकास, यानि विकास से देश का कोई नागरिक भी न छूटे और कोई कोना भी अछूता न रहे, इसी भावना का ये प्रकटीकरण है।’’
‘‘कार निकोबार में विकास की धारा बहे सुरक्षा के साथ-साथ कार-निकोबार में विकास की पंचधारा बहे, बच्चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई, जन-जन की सुनवाई, ये सभी सुविधाएं मिलें, इसके लिए भी काम किया जा रहा है।’’
‘‘कार-निकोर फुटबॉल समेत अनेक खेलों में देश के बेहतरीन स्पोर्टिंग टैलेंट के लिए भी मशहूर हो रहा है। मुझे यहां के युवाओं से भी मिलने का मौका मिला। मुझे पता चला कि यहां कि फुटबॉल टीम ने चार बार सुब्रतो कप जीता है।’’
‘‘अंडमान-निकोबार समेत देश के समुद्र तटीय इलाके में रहने वाले खोपरा और नारियल की खेती से जुड़े लोगों के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। खोपरा की खेती में न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल दो हजार रुपए की बढ़ोतरी की है।’’
‘‘केंद्र सरकार मछुआरों को सशक्त करने में जुटी है। देश में मछली पालन को लाभकारी बनाने के लिए सात हजार करोड़ के विशेष फंड का प्रावधान किया गया है। मछुआरों को आसान ऋण मुहैया कराया जा रहा है।’’