
इम्यूनोलोजी खासतौर पर इम्यूनो-ओंकोलोजी
कैंसर के इलाज में नई क्रांति के रूप में उभर रही है. हमारे शरीर की
प्रतिरक्षी कोशिकाएं यानि इम्यून सैल्स कैंसर की मेलिग्नेन्ट कोशिकाओं से
लड़ने में मदद करती हैं, इससे मरीज की बीमारी से लड़ने की ताकत इतनी मजबूत
हो जाती है कि वह कैंसर का मुकाबला कर सकता है. दिल की बीमारियों के बाद
कैंसर भारत में मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.
भारत में 2018 में कैंसर के कारण 8.17
फीसदी मौतें हुईं. एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक देश में विभिन्न प्रकार के
कैंसर के कारण 8.8 लाख मौतें होंगी और 2030 तक आंकड़ा दोगुना होने का
अनुमान है. इसी को ध्यान में रखते हुए एक्सपर्ट कैंसर के इलाज के लिए
इम्यूनोथेरेपी जैसी कुछ आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दे रहे हैं. डॉ अजीत
सक्सेना ने इम्यूनोथेरेपी के फायदों के बारे में बताया है.
डॉ सक्सेना नई दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ
अपोलो हॉस्पिटल्स में यूरोलोजी के सीनियर कन्सलटेन्ट हैं. उन्होंने कैंसर
के पारम्परिक उपचार के नुकसान के बारे में बताते हुए कहा, "आमतौर पर कैंसर
के इलाज के लिए कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है, खासतौर पर तब जब
कैंसर एडवान्स्ड अवस्था में हो.
डॉ सक्सेना ने कहा कि इसका सबसे बड़ा
नुकसान यह है कि यह स्वस्थ कोशिकाओं और कैंसर की कोशिकाओं के बीच अंतर नहीं
कर सकता, जिसके कारण शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं. ऐसे
में शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत जो पहले से कमजोर हो चुकी होती है,
वह और भी कमजोर हो जाती है."
डॉ सक्सेना ने कहा, "यह जरूरी है कि
डॉक्टर इम्यूनोथेरेपी के क्षेत्र में हो रहे रिसर्च को जानें और अपने
मरीजों के इलाज के लिए इन थेरेपियों का इस्तेमाल करें. इम्युनो ओंकोलोजी
कैंसर के इलाज का आधुनिक तरीका है जिसमें व्यक्ति के अपने इम्यून सिस्टम का
इस्तेमाल बीमारी से लड़ने के लिए किया जाता है. दुनिया भर में डॉक्टर और
शोधकर्ता इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन कर रहे हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जरूरी है कि
अडवान्स्ड स्टेज के कैंसर के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर इस तकनीक के
बारे में जानें. यह ओंकोलोजी का भविष्य है. इस सम्मेलन के माध्यम से हम न
केवल आम लोगों को बल्कि चिकित्सा समुदाय को भी कैंसर के इलाज की आधुनिक
तकनीकों के बारे में जागरूक बनाना चाहते हैं."
डॉ मनीष सिंघल जो अपोलो हॉस्पिटल्स, नोएडा में सीनियर कन्सलटेन्ट
ओंकोलोजिस्ट हैं, उन्होंने इम्युनोथेरेपी के फायदों पर बात करते हुए कहा,
"बहुत से लोगों को इम्यूनो-ओकोंलोजी से फायदा हुआ है. हर व्यक्ति की जरूरत
को ध्यान में रखते हुए इम्यून बूस्टर थेरेपी दी जाती है. इम्यून सेल्स
विशेष रूप से कैंसर की कोशिकाओं पर ही हमला करती हैं, और शरीर की स्वस्थ
कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती. इससे न केवल रोग के दोबारा होने की
संभावना कम हो जाती है बल्कि इलाज के पारम्परिक तरीकों के कारण होने वाले
साइड इफेक्ट्स से भी मरीज को बचाया जा सकता है."