मजलिस से PM मोदी का PAK पर बड़ा हमला, कहा- पानी सिर से ऊपर आ गया

मालदीव की संसद में अपने ऐतिहासिक संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर जमकर हमला बोला। पीएम ने जहां पाकिस्तान को घेरा तो वहीं, कर्ज के जाल में फंसाने की चीन की चाल पर भी निशाना साधा। पीएम ने कहा कि आतंकवाद हमारे समय की एक बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि लोग अब भी अच्छा आतंकी और बुरा आतंकी का भेद करने की गलती कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने साफ कहा कि आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए सभी मानवतावादी शक्तियों का एकजुट होना जरूरी है। वहीं, चीन के मद्देनजर मालदीव को संदेश देते हुए मोदी ने कहा कि हम मित्र हैं और मित्रता में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि भारत की विकास साझेदारी लोगों को सशक्त करने के लिए है, उन्हें कमजोर करने, खुद पर निर्भरता बढ़ाने या भावी पीढ़ियों पर कर्ज का बोझ लादने के लिए नहीं है।

मालदीव की ससंद (मजलिस) में संबोधन के दौरान पीएम ने कहा आज मैं दूसरी बार मालदीव आया हूं। एक प्रकार से दूसरी बार मजलिस की ऐतिहासिक कार्यवाही का साक्षी हूं। पिछले वर्ष मैं खुशी और गर्व के साथ राष्ट्रपति सोलिह के शपथ ग्रहण में शामिल हुआ था। लोकतंत्र की जीत का वह उत्सव खुले स्टेडियम में आयोजित किया गया था। चारों ओर हजारों उत्साही लोग उपस्थित थे। उन्हीं की शक्ति और विश्वास, साहस और संकल्प उस जीत का आधार थे। उस दिन मालदीव में लोकतंत्र की ऊर्जा को महसूस कर रोमांच सा का अनुभव हो रहा था।

पीएम मोदी ने कहा कि नेबरहुड फर्स्ट हमारी प्राथमिकता है और इसमें मालदीव की प्राथमिकता बहुत स्वाभाविक है इसलिए आपके बीच मेरी उपस्थिति संयोग मात्र नहीं है। पिछले दिसंबर में राष्ट्रपति सोलिह ने भारत को अपना पहला गंतव्य बनाया और अब मालदीव का स्नेहपूर्ण निमंत्रण मुझे मेरे इस कार्यकाल में पहली विदेश यात्रा पर मालदीव ले आया है।

पीएम ने कहा कि मुझे मालदीव के सबसे बड़े सम्मान से नवाजा गया है। मेरे पास धन्यवाद देने के लिए शब्द नहीं हैं। अध्यक्ष महोदय, भारत और मालदीव के संबंध इतिहास से भी पुराने हैं। सागर की लहरें हम दोनों देशों की तटों को पखार रही हैं। विश्व के सबसे पुराने बंदरगाहों में से एक लोथल मेरे गृह राज्य गुजरात में था। 2500 साल से भी पहले लोथल और सूरत जैसे शहरों के साथ मालदीव के व्यापारिक संबंध रहे हैं। मालदीव की कौड़ियां भारत के बच्चों की भी प्रिय रही हैं। संगीत, वाद्य यंत्र, रश्मों-रिवाज ये सब हमारी साझा विरासत के ज्वलंत उदाहरण हैं।

पीएम ने कहा कि आतंकवाद हमारे समय की एक बड़ी चुनौती है। यह खतरा एक देश या एक क्षेत्र के लिए नहीं, ये खतरा पूरी मानवता के लिए है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता है जब आतंकवाद कहीं किसी जगह अपना भयानक रूप दिखाकर किसी निर्दोष की जान न लेता हो। आतंकियों के न तो अपने बैंक होते हैं न टकसाल और न ही हथियारों की फैक्ट्री फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कभी कमी नहीं होती है। कहां से पाते हैं ये सब, कौन देता उन्हें ये सुविधाएं? आतंकवाद की स्टेस स्पॉन्सरशिप सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। यह दुर्भाग्य है कि लोग अभी भी अच्छा आतंकी और बुरा आतंकी का भेद करने की गलती कर रहे हैं। कृत्रिम मतभेदों में पड़कर हमने बहुत समय गंवा दिया है। पानी अब सिर से ऊपर निकल रहा है।

आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए सभी मानवतावादी शक्तियों का एकजुट होना जरूरी है। आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे खरी कसौटी है। जिस प्रकार विश्व समुदाय ने जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति विश्व सम्मेलन किए हैं वैसे ही आतंकवाद पर क्यों नहीं हो रहे हैं? उन्होंने कहा कि मैं विश्व संगठनों से आग्रह करूंगा कि एक समय सीमा के भीतर आतंकवाद पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस आयोजित करे ताकि आतंकियों और उनके समर्थक जिन खामियों का फायदा उठाते हैं उन्हें बंद करने पर विचार किया जा सके। अगर अब हमने और देर की तो आज और आज के बाद आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।

पीएम ने बताया कि भारत के सहयोग से माले की सड़कें 2500 एलईडी स्ट्रीट लाइट के दूधिया प्रकाश में नहा रही हैं और 2 लाख एलईडी बल्ब मालदीव के लोगों के घरों और दुकानों को जगमगाने के लिए आ चुके हैं। इससे बिजली बचेगी और खर्च भी। यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि यहां दुनिया की 50 फीसदी जनसंख्या रहती है लेकिन इस क्षेत्र में बहुत से अनसुलझे विवाद हैं। यह क्षेत्र हमारी जीवन रेखा है और व्यापार का राजमार्ग भी है। यह हर मायने में हमारे साझा भविष्य की कुंजी है इसलिए मैंने जून 2018 में इंडो-पसिफिक रीजन में खुलेपन, एकीकरण एवं संतुलन कायम करने के लिए सबके साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया था। इससे देशों के बीच विश्वास बढ़ेगा।