राहुल गांधी ने बनाया जमानत लेने का अनोखा रिकॉर्ड! आठ दिन में तीसरी बार ज़मानत लेनी पड़ी!

कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राहुल गांधी फिलहाल एक कोर्ट से दूसरी कोर्ट जमानत मांगते फिर रहे हैं। इसी जुलाई के महीने में उन्होंने एक के बाद एक तीसरे मामले में जमानत ली। वो भी सिर्फ आठ दिनों के भीतर। ये सभी मामले मानहानि से जुड़े हुए हैं। राहुल इससे पहले करप्शन के एक मामले में भी जमानत पर हैं।

राहुल गांधी को आज अहमदाबाद की एक स्थानीय अदालत ने मानहानि मामले में 15 हज़ार के मुचलके पर जमानत दी। दरअसल उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के साथ मिलकर नोटबंदी के दौरान अहमदाबाद ज़िला सहकारी बैंक पर 745 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी को व्हाइट करने का संगीन आरोप लगाया था। पर इसके समर्थन में वे कोई भी सबूत पेश करने में नाकाम रहे थे। इसी मामले में बैंक और उसके चेयरमैन राजेश पटेल ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।

इससे पहले राहुल गांधी को पटना की अदालत ने जमानत दी थी। राहुल ने मोदी सरनेम को करप्शन से जोड़ा था। ललित मोदी और नीरव मोदी के साथ प्रधानमंत्री मोदी का नाम जोड़कर सारे मोदी सरनेम के लोगों पर सवाल खड़े किए थे। उनकी इसी कवायद पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था जिसमें राहुल ने 6 जुलाई को अदालत में पेश होकर जमानत मांगी।

वे इससे पहले ज़मानत के लिए मुंबई की अदालत का भी चक्कर लगा चुके हैं। यह मामला पत्रकार गौरी लंकेश के मर्डर को आरएसएस बीजेपी की विचारधारा से जोड़ने का है। हालांकि राहुल गांधी के पास इस बात का कोई सबूत नहीं था। ऐसे में आरएसएस के स्थानीय कार्यकर्ता ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करा दिया।

मुंबई की अदालत ने राहुल गांधी को 4 जुलाई को 15 हज़ार रुपये के मुचलके पर ज़मानत दे दी। राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड केस में भी सोनिया गांधी के साथ ज़मानत पर हैं। यह करप्शन से जुड़ा मामला है। आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी और नेशनल हेराल्ड के खातों के जरिए अवैध तरीके से हजारों करोड़ की संपत्ति का वारा न्यारा कर लिया। राहुल गांधी की यह स्थिति बताती है कि वे एक के बाद दूसरे मामलों में बुरी तरह फंसते जा रहे हैं। बिना सबूत आरोप लगाने की आदत अब उन पर भारी पड़ रही है और वह कोर्ट के चक्कर लगा लगाकर ज़मानत की गुहार करते पाए जा रहे हैं।