पाकिस्तानी नाजायज औलाद महबूबा मुफ्ती बोलीं- डरे हुए हैं घाटी के लोग, पिछले 70 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ

महबूबा मुफ्ती बोलीं- डरे हुए हैं घाटी के लोग, पिछले 70 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ 

 

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रेस काॅफ्रेंस करके केंद्र सरकार पर हमला बोला. मुफ्ती ने कहा, 'यहां के हालात खराब हो गए हैं. यहां के लोग घबराए हुआ हैं. मैंने ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा है. पिछले 70 सालों में जम्‍मू कश्‍मीर में ऐसा कभी नहीं हुआ. ऐसी अफवाह उड़ रही है कि सरकार 35ए एवं कोई और बड़ी कार्रवाई कर सकती है. महबूबा ने इसके बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाक़ात की और अफवाहों से डरे हुए लोगों के सामने स्थिति स्पष्ट करने की अपील की.

मुफ्ती ने कहा, 'गृह सचिव के एडवाइजरी से लोगों में खौफ है. मुल्‍क के लोगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरा कहना है कि वे यहां के लोगों के अधिकारों को न छीनें. यहां के लोगों ने अपनी आइडेंटिटी बचाने के लिए बहुत सारी कुर्बानी दी. उसे बरकरार रहने दें.'




मुफ्ती ने कहा, 'मेरी सरकार से गुजारिश है कि इस वक्‍त हमारे सर्वाइवर की लड़ाई है, हमारे आईडेंटिटी की लड़ाई है. मैंने फारूख साहब से भी गुजारिश की है कि वे ऑल पार्टी मीटिंग बुलाएं. हम सब आपस में इसपर मशवरा करेंगे और फिर कोई निर्णय लेंगे. उन्‍होंने कहा कि यहां के लोगों को लगता है कि जम्‍मू कश्‍मीर में कुछ होने वाला है.'

आतंकवादी खतरों को देखते हुए जारी की गई एडवाइजरी
कश्मीर में पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों के लिए घाटी छोड़ने के ताजा परामर्श से यहां के लोगों के बीच भय पैदा हो गया है. उन्‍होंने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते राशन और आवश्यक सामान जमा करना शुरू कर दिया.



राज्य सरकार ने अमरनाथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को परामर्श जारी कर तत्काल कश्मीर छोड़ने के लिए कहा है. गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी आदेश में यहां कहा गया है, 'आतंकवादी खतरों खासतौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाए जाने की ताजा खुफिया सूचनाओं और कश्मीर घाटी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए पर्यटकों तथा अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के हित में यह परामर्श दिया जाता है कि वे फौरन घाटी में रुकने की योजना स्थगित कर दें और जल्द से जल्द लौटने के आवश्यक कदम उठाए.

लोग जुटाने लगे हैं आवश्‍यक सामान
इस आदेश से कश्मीर के लोगों में डर पैदा हो गया है. केंद्र द्वारा घाटी में सेना की 100 अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात करने के आदेश के बाद से कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है. सैनिकों की तैनाती और विभिन्न आदेशों से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने जैसे कुछ बड़े फैसलों को लेकर अटकलें बढ़ गई है.



कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते लोग शहर में तथा अन्य जगहों पर राशन और आवश्यक सामान खरीदने दुकानों के बाहर कतारों में दिखाई दिए. पेट्रोल पम्पों पर भी भारी संख्या में उपभोक्ता दिखाई दिए. इससे पहले सेना ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी घाटी में अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की फिराक में हैं. सेना ने हालांकि यह भी कहा कि सुरक्षा बल ऐसी किसी भी योजना को विफल करने के लिए मुस्तैद हैं.