कश्मीर से चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध हटेंगे, 12 दिन में नहीं गई एक भी जान : मुख्य सचिव

जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि बीते 12 दिनों से लॉकडाउन के दौरान कश्मीर घाटी में किसी व्यक्ति की जान नहीं गई है। उन्होंने घोषणा की कि प्रतिबंध हटाए जाएंगे और अगले कुछ दिनों में हालात में सुधार होने के साथ ‘जीवन पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा।’ विदेशी मीडिया रिपोर्ट का जवाब देते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रतिबंधों में ढील देने के लिए धीरे-धीरे कदम उठाए जा रहे हैं, ऐसा बन रहे हालात के साथ-साथ लोगों से शांति के लिए मिल रहे सहयोग के मद्देनजर किया जा रहा है।

Jammu & Kashmir Chief Secretary BVR Subrahmanyam

सुब्रमण्यम ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा निष्प्रभावी किए जाने के बाद घाटी में प्रदर्शनों के दौरान मौत व गंभीर रूप से घायल होने की बात का खंडन किया।
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय राय तैयार करने के लिए विदेशी मीडिया रिपोर्ट का इस्तेमाल कर रहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि शुक्रवार की नमाज के बाद वहां अलगे कुछ दिनों में प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी, यह क्रमबद्ध तरीके से किया जाएगा। सुब्रमण्यम ने घोषणा की कि सोमवार से ‘क्षेत्रवार’ स्कूल खुलेंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं हो।

उन्होंने कहा, “आवाजाही पर प्रतिबंध क्षेत्र वार हटाए गए हैं, इन इलाकों में सार्वजनिक परिवहन शुरू होंगे।” उन्होंने घोषणा की कि सरकारी कार्यालय शुक्रवार से पूरी तरह से कामकाज करना शुरू कर दिया है।

BVR Subrahmanyam
मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल करने पर उन्होंने कहा कि यह चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे की जाएगी। ऐसा आतंकी संगठनों द्वारा मोबाइल कनेक्टिविटी का इस्तेमाल संगठित रूप से आतंकी कार्रवाई करने के लगातार खतरे को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। घाटी में मोबाइल कनेक्टिविटी 4 अगस्त से बंद है।
सुब्रमण्यम ने कहा कि 22 जिलों में से 12 में कामकाज सामान्य है।

उन्होंने कहा, “ऐसे उपाय किए गए जिससे सुनिश्चित किया गया कि एक भी जान का नुकसान नहीं हो या कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हो। यह इंतजाम शांति व व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गया। आतंकवादी संगठनों व कट्टरवादी समूहों के पुख्ता प्रयास के बावजूद हमने जनहानि को रोका। पाकिस्तान द्वारा हालात को अस्थिर करने का लगातार प्रयास किया गया।”

Jammu and Kashmir
राजनेताओं की नजरबंदी पर अधिकारी ने कहा कि प्रिवेंटिव डिटेंशन की लगातार समीक्षा की जा रही है और कानून व व्यवस्था के आकलन के आधार पर उचित निर्णय लिया जाएगा। इन राजनेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती व अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों का सहयोग है, जिससे शांति व सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने में खासा मदद मिली। सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रशासन का फोकस जल्द से जल्द सामान्य हालात बहाल करने पर है, जबकि यह भी सुनिश्चित करना है कि आतंकवादी ताकतों को कोई अवसर नहीं दिया जाए।