इंटरनेट ने न केवल
दुनिया को नजदीक लाने का काम किया है बल्कि दुनिया को एक नए मुकाम पर
पहुंचा दिया है। इंटरनेट पर जिस तरह से काम को बढ़ावा मिल रहा है उससे न
केवल पुरुषों को बल्कि महिलाओं को भी आगे आकर काम करने का मौका मिल रहा है।
आज महिलाएं पुरुषों को पीछे छोड़ते हुए उन्हीं के क्षेत्र में काफी आगे
बढ़ रही है। होम डिलीवरी जिसमें शुरु से ही पुरुषों का बोलबाला रहा है,
उसमें अब महिलाएं भी आगे आ रही है। रिसर्च की माने तो नए शुरु किए गए कामों
में डिलीवरी के क्षेत्र में 10 लाख कर्मचारी है, वहीं 67,900 महिलाएं है।
2018 में इन महिलाओं की संख्या 40 हजार थी। आज महिलाएं घर में बैठने की जगह
फ्री टाइम पर बिना किसी रुकावट के फूड डिलीवरी का काम करना पसंद कर रही
है। इसके लिए बस जरुरी है स्कूटरी चलाना आना।
जोमैजो कंपनी में 2 लाख महिलाएं डिलीवरी
पार्टनर है। इस काम को महिलाएं इसलिए अधिक पसंद कर रही है क्योंकि 9 से 5
के डेस्क जॉब्स की जगह इसमें काम करना काफी आसान है। वह अपने मर्जी के
अनुसार काम को चुन सकती है। अच्छा वेतन मिलने के साथ इसमें पुराने कामों की
तुलना में अधिक काम करने का लचीलापन है।
पति की नौकरी के बाद शुरु किया काम
कुछ समय पहले पति की मेडिकल स्टोर में नौकरी
जाने के बाद रीना ने जोमैटो को ज्वाइंन कर लिया था। उसके बाद वह एक दिन
में 20 ऑर्डर पहुंचा कर हफ्ते के 6 हजार रुपए कमा रही है। इससे न केवल वह
अच्छा वेतन काम रही है बल्कि घर पर आर्थिक रुप से सहायता भी कर रही है।
जी रही है अपना सपना
छत्तीसगढ़ के भिलाई के फिरदौस अंसारी डॉक्टर
के साथ एक सहायक के रुप में काम करती थी। उन्हें समाजिक कार्य करने का
काफी शौंक है लेकिन समय न होने के कारण वह कर नही पा रही थी। अपने इन्ही
सपने को जीने के लिए उन्होंने एक साल पहले यह काम छोड़ कर खाद्य वितरण का
काम शुरु किया। इसमें वह एजेंट की भूमिका में है। अब अपने पास होने के चलते
वह न केवल अपने सपने जी रही है बल्कि अच्छा वेतन भी कमा रही है। वह सुबह
जल्दी उठ कर बच्चों को पढ़ाती है उसके बाद 1 बजे से ऑर्डर लेना शुरु करती
है।
सुरक्षा का रहता है मुद्दा
इंटरनेट ने चाहे महिलाओं के लिए कई नए अवसर
खोल दिए है, लेकिन इसमें कई तरह की पेरशानियां भी है। जिसमें सबसे बड़ा
मुद्दा महिला सुरक्षा का है। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिलीवरी
सर्विस में लेट नाइट, अधिक सुनसान वाली जगह पर महिलाएं जल्द ऑर्डर नही लेती
है।
लिंग पर न हो आधारित नौकरी
आज के समय में नौकरी कोई भी हो वह लिंग पर
आधारित नही है, महिलाएं आसानी से मुश्किलों से लड़ कर हर काम में आगे बढ़
रही है। हर क्षेत्र में लिंग को आधार न बना कर टेलेंट के आधार पर नौकरी
देने से समाज आर्थिक व मानसिक रुप से मजबूत बनता है। इससे महिलाओं को
बेहतर विकल्प मिलने के साथ उनमें आत्मविश्वास भी आता है।