आज महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि है। आज
ही के रोज़ जापान के ताइहोकू हवाई अड्डे पर एक विमान दुर्घटना में उनकी
मृत्यु हो गयी थी। पर ये सवाल हमेशा ही सर उठाता रहा कि क्या वे वाकई इस
दुर्घटना में नही रहे थे? उनके जीवन पर रिसर्च करने वालो का मानना है कि
बोस जीवित थे और भारत लौट आये थे। उन्होंने इसके बाद का पूरा जीवन गुमनामी
में बिता दिया।
इसी साल अक्टूबर में सुभाष चंद्र बोस पर बनी फिल्म ‘गुमनामी’ रिलीज़ हो
रही है। इसे लेखक अनुज धर ने लिखा है। यह पूरी फिल्म गुमनामी बाबा के
इर्द-गिर्द बनाई गई है। गुमनामी बाबा वो शख्सियत थे जो अयोध्या में लंबे
समय तक रहे और जिनके रहन-सहन, आदतों व व्यवहार में सुभाष चन्द्र बोस की झलक
मिलती थी। वे सुभाष चंद्र बोस की तरह ही अंग्रेज़ी, हिंदी, बांग्ला सरीखी
कई भाषाओं के जानकार थे। कला और साहित्य के प्रेमी थे। इसी 14 अगस्त को
फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ किया गया था।
सुभाष बाबू के जीवन पर रिसर्च करने वाले लेखक अनुज धर और चंद्रचूड़ घोष
ने उनकी पुण्यतिथि पर उनके जीवन पर आधारित फिल्म के ट्रेलर को शेयर किया और
उन्हें श्रद्धांजलि दी। अनुज धर और चंद्रचूड़ घोष नेताजी के जीवन पर लिखी
किताब ‘कुण्ड्रम: सुभाष बोस लाइफ आफ्टर डेथ’ के लेखक हैं।
23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में जन्मे बोस 23 साल की उम्र में
आईसीएस बन गए थे पर अंग्रेज़ो की नौकरी मंज़ूर नही हुई सो उसे छोड़ दिया।
उन्होंने आज़ाद हिंद फौज की स्थापना की और अपना पूरा जीवन मातृभूमि की सेवा
में अर्पित कर दिया।