जम्मू कश्मीर में 370
हटाए जाने पर न केवल वहां के लोग बल्कि पूरा देश बहुत खुश है। इसके बाद
घाटी में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई है। इससे न केवल वहां के लोगों व
बल्कि सरकारी अफसरों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं
इस माहौल नें दो महिला अफसर बेखौफ होकर न केवल अपनी ड्यूटी निभा रही है
बल्कि लोगों को शांत करवा उनकी सुरक्षा भी कर रही है। घाटी के इस तनाव भरे
माहौल में 2013 बैच की आईएएस ऑफिसर डॉ. सईद सहरीश व 2016 बैच की आईपीएस
ऑफिसर पीडी नित्य तो अहम भूमिकाएं दी गई है। जिससे वह बेखौफ होकर पूरी
ईमानदारी के साथ निभा रही है।
अपनों की जानकारी दे, करती है क्राइसिस मैनेजः डॉ सईद
डॉ. सईद सहरीश को नही पता था कि उनकी नई
ड्यूटी घाटी से सैकड़ों दूर बैठे अपनों से लोगों की फोन पर बात करवाने व
डॉक्टर आरेंज करवाने की होगी। डॉ. सईद को उनकी नई ड्यूटी जम्मू कश्मीर के
केंद्र शासित प्रदेश घोषित होने के चार दिन पहले दी गई थी। जिसके तहते
उन्हें श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर प्रशासन का सूचना निदेशक नियुक्त किया गया
था। इस समय उनका काम तो लोगों को सरकार की नई नीतियों के बारे में जानकारी
देना है, लेकिन पिछले काफी दिनों से वह उनकी परेशानियां ही सुन रही हैं।
वह महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर लगातार नजर बनाए हुए है।
लोगों की सुरक्षा के लिए है तैनातः पीडी नित्या
पीडी नित्य को आम नागरिकों के साथ वीआईपी
लोगों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी दी गई है। राम मुंशी बाग से लेकर हरवन
दागची गांव तक की सुरक्षा की ड्यूटी उन्हें सौंपी गई है। जहां पर सभी
वाआईपी लोगों को रखा गया हैं। इस दौरान उन्हें कई बार गुस्साए लोगों का भी
सामना करना पड़ता है। 40 किमी की संवेदनशील सड़क न केवल डल झील क्षेत्र और
राज्यपाल के निवास को कवर करती है। केमिकल इंजीनियरिंग से बीटेक करने वाली
नित्या कश्मीरी, हिंदी के साथ तेलुगू भी बहुत ही अच्छे से बोल लेती है।
इससे पहले वह छत्तीसगढ़ में एक सीमेंट कंपनी में मैनेजर की कॉर्पोरेट नौकरी
करती थी।