भारतीय वायुसेना अब और भी मजबूत हो गई है, हिंदुस्तान को आंख दिखाने से
पहले अब दुश्मन दस बार सोचेगा। दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में
से एक अपाचे हेलिकॉप्टर अब भारतीय वायुसेना का हिस्सा है। मंगलवार सुबह
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ की मौजूदगी में पंजाब के
पठानकोट एयरबेस पर 8 अपाचे हेलिकॉप्टर को शामिल कराया गया। ये वही पठानकोट
एयरबेस है जहां पर 2016 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमला किया था।
एयरबेस पर वायुसेना में शामिल होने से पहले अपाचे हेलिकॉप्टर के सामने
नारियल फोड़ा गया और पारंपरिक तौर पर इसका स्वागत वायुसेना के बेड़े में
किया गया। आपको बता दें कि 60 फुट ऊंचे और 50 फुट चौड़े अपाचे हेलिकॉप्टर
को उड़ाने के लिए 2 पायलट होने जरूरी हैं. अपाचे हेलिकॉप्टर के बड़े विंग
को चलाने के लिए 2 इंजन होते हैं, इस वजह से इसकी रफ्तार बहुत ज्यादा है।
2 सीटर इस हेलिकॉप्टर में हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हुई हैं।
इसमें एक सेंसर भी लगा है, जिसकी वजह से ये हेलिकॉप्टर रात में भी ऑपरेशन
को अंजाम दे सकता है। इस हेलिकॉप्टर की अधिकतम स्पीड 280 किलोमीटर प्रति
घंटा है। अपाचे हेलिकॉप्टर का डिजाइन ऐसा है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल
होता है।
गौरतलब है कि अमेरिका निर्मित ये अपाचे हेलिकॉप्टर AH-64E दुनिया का
सबसे एडवांस मल्टी रोल कॉम्बेट हेलिकॉप्टर है। भारत और अमेरिका के बीच
सितंबर, 2015 में एक बड़ी डील हुई थी, जिसके तहत 22 हेलिकॉप्टर भारत को
मिलने वाले हैं। इससे पहले 27 जुलाई को 4 हेलिकॉप्टर मिल चुके हैं, अब आठ
हेलिकॉप्टर मंगलवार को शामिल हुए।
हथियारों से लैस और तेज गति से उड़ान भरता ‘अपाचे’ हेलिकॉप्टर जमीन से
होने वाले तमाम हमलों का जवाब दे सकता है। अपने मिलीमीटर वेव रडार की मदद
से यह हथियारों से लैस दुश्मनों की मौजूदगी का पता लगा सकता है और उन्हें
लेजर गाइडेड हेलफायर मिसाइल, हाइड्रा-70 एंटी ऑर्मर रॉकेट और 30 मिमी गन से
बर्बाद कर सकता है. यह हेलिकॉप्टर थर्मल इमेजिंग सेंसर का इस्तेमाल करके
छिपे आतंकवादियों का भी पता लगा सकता है और आतंकियों से अपनी 30 mm गन या
एंटी पर्सनल रॉकेट्स से निपट सकता है।