महाराष्ट्र की राजनीति पल-पल में बदल रही है और जहां राज्य में
राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है। तो वहीं कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं ने
एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। इसके बाद कांग्रेस और एनसीपी ने
साथा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस ने
राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर सवाल खड़े किए।
मुंबई में आज एनसीपी और कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई। इसमें महाराष्ट्र
में सरकार गठन पर चर्चा हुई। इस मीटिंग के बाद पत्रकारों से बात करते हुए
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शिवसेना ने 11 नंवबर को हमसे आधिकारिक तौर पर
संपर्क किया था। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र में
राष्ट्रपति शासन लगाकर लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रपति शासन की आलोचना करती है। अहमद पटेल
ने कहा कि केंद्र ने कभी नियमों का पालन नहीं किया और कई राज्यों में
मनमानी की। अहमद पटेल ने कहा कि राज्यपाल द्वारा महाराष्ट्र में सरकार
बनाने के लिए कांग्रेस को न्योता न देना गलत है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि वे सरकार गठन के
लिए पहले कांग्रेस के नेताओं से बात कर लें तब शिवसेना से बात करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस आपस में बात करने के बाद इस पर आगे फैसला लिया जाएगा,
शरद पवार ने कहा कि वे राज्य में दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं। एनसीपी चीफ
ने कहा कि राज्यपाल ने उनकी पार्टी को सरकार बनाने का पर्याप्त समय दिया
है, अब सरकार गठन पर खुद आगे बात बढ़ाएंगे।
शिवसेना के साथ सरकार गठन की कठिनाइयों की ओर इशारा करते हुए शरद पवार
ने कहा कि हमारा और कांग्रेस का एक कॉमन घोषणा पत्र था, इसलिए हमें अपने
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के बारे में चिंता नहीं है। लेकिन अगर हमें थर्ड
पार्टी के साथ सरकार बनानी है तो हमें बैठना पड़ेगा और चर्चा करनी पड़ेगी।
शरद पवार से जब शिवसेना के साथ वैचारिक मतभेद के बारे में पूछा गया तो
उन्होंने कहा कि जब तक हमलोग साथ आने का फैसला नहीं लेते हैं, इस प्रश्न का
सवाल ही नहीं उठता है। एक बार जब हम साथ बैठने का फैसला करते हैं, हमलोग
इस बारे में जवाब देंगे।