बता दें कि जिन गांवों में VHP राममूर्ति लगवाने जा रही है, उन गांवों से साल 1989 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान मंदिर निर्माण के लिए ईंटें आईं थीं। इसके अलावा VHP की नजर राम मंदिर के लिए पुजारियों पर भी है। वह मंदिर के लिए दलित पुजारी भी चाहती है। VHP का मानना है कि दलित पुजारी की नियुक्ति के जरिए सामाजिक समरसता का बड़ा संदेश दिया जा सकता है। विहिप का यह भी कहना है कि मंदिर का निर्माण सरकार नहीं समाज के पैसे से होगा।
उधर, राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार भी एक्शन में है। सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के करीब दो महीने बाद मोदी सरकार ने इससे संबंधित सभी मामले को देखने के लिए एक अलग से डेस्क बनाई है। इसकी अध्यक्षता अडिशनल सेक्रटरी स्तर के अधिकारी करेंगे।