दिल्ली हिंसा पर आज दिनभर लोकसभा में चर्चा हुई इस पर सभी विपक्षी दलों की तरफ से गृहमंत्री से कई तरह के सवाल पूछे गए। जिसका जवाब देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह आगे आए। अमित शाह जब दिल्ली हिंसा पर सदन में अपना बयान दे रहे थे तभी कांग्रेस के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर लिया। लेकिन इसके बाद भी अमित शाह ने अपने पास पहुंची पूरी रिपोर्ट से सदन को अवगत कराया। अमित शाह ने इस मौके पर जमकर कांग्रेस के नेताओं को लताड़ भी लगाई और 1984 के दिल्ली दंगे की याद भी दिलाई। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरे दंगे में बहुत संपत्ति जली है। इसका मुझे दुख है। सार्वजिनक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली होगी। आगजनी करने वालों की संपत्ति जब्त होगी।
दिल्ली हिंसा पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि 25 फरवरी की रात 11 बजे के बाद से रिकॉर्ड के मुताबिक कोई भी हिंसा की घटना नहीं हुई। गृहमंत्री ने दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और 36 घंटे के अंदर हिंसा को शांत करने में सफल रहने के लिए दिल्ली पुलिस की तारीफ भी की। अमित शाह ने संसद में बताया कि घनी आबादी के चलते उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां नहीं जा पाती हैं। उन्होंने कहा कि यह इलाका यूपी के बॉर्डर से भी जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि स्वयं मैंने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा इसलिए नहीं किया क्योंकि ऐसा करने से पुलिस मेरे साथ-साथ लगी रहती। अजीत डोभाल के हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे कहने पर अजीत डोभाल वहां गए थे। मैं जाता तो पुलिस मेरी सुरक्षा में लगती।
गृहमंत्री ने कहा कि 300 से ज्यादा लोग यूपी से उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हिंसा करने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि 24 तारीख की रात को ही यूपी का बॉर्डर सील कर दिया गया था। यह काम सबसे पहले किया गया। ’27 फरवरी से अभी तक 700 लोगों पर दर्ज की गई FIR’गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि 24 फरवरी को 40, 25 फरवरी को 50 और 26 फरवरी से 80 कंपनियां तैनात उत्तर-पूर्वी दिल्ली में तैनात हैं। अभी तक वे कंपनियां वहीं तैनात हैं। गृहमंत्री ने बताया कि इस हिंसा में हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है। इसके गुनाहगारों को भी पकड़ने की कार्रवाई भी जारी कर दी गई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरे दंगे में बहुत संपत्ति जली है। इसका मुझे दुख है। सार्वजिनक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली होगी। आगजनी करने वालों की संपत्ति जब्त होगी। इस हिंसा में मस्जिद ही नहीं मंदिर भी जले हैं। सबसे ज्यादा दंगे कांग्रेस के कार्यकाल में हुए। 1984 में 3000 सिख मार दिए गए, क्या हुआ। मोदी सरकार के आने के बाद कार्रवाई हुई। उससे पहले कांग्रेस के किसी भी नेता को सजा नहीं मिली। दंगा किसी को भी अच्छा नहीं लगता है। दिल्ली हिंसा साजिश के तहत हुई। दंगे में मारे गए सभी लोगों के परिवार को आश्वासन देता हूं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देशभर में सीएए के समर्थन में भी रैलियां निकली हैं। ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि प्रो-सीएए वाले लोग निकले इसलिए हिंसा हुई। कांग्रेस के नेता लोगों को घर के बाहर निकलने के लिए कहते हैं। ये हेट स्पीच नहीं है तो क्या है। इस बयान के बाद 16 दिसंबर को शाहीन बाग का धरना शुरू हो गया। एक स्पीच होती है 17 फरवरी को. 24 फरवरी को ट्रंप जब भारत आएंगे तो हम बताएंगे कि भारत की सरकार क्या कर रही है। इसके बाद हिंसा की शुरुआत होती है। वारिस पठान 19 फरवरी को कहते हैं कि जो चीज मांगने से नहीं मिलती उसे छीननी पड़ती है। इसके बाद 24 फरवरी को दंगे होते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उत्तर-पूर्व इलाका उत्तर प्रदेश के बॉर्डर से जुड़ा हुआ है। मैं इतना कहना चाहता हूं कि सीआरपीएफ भेजनी चाहिए, सदस्य इसके लिए सुझाव दे सकते हैं, लेकिन मैं उनको यह बता दूं कि सीआरपीएफ, 22 और 23 तारीख को कुल 30 कंपनी, 24 तारीख को 40 कंपनियां, 25 तारीख को और 50 कंपनियां भेजी गई थीं। 26, 27, 28 और 29 तारीख को 80 से ज्यादा कंपनियां तैनात की गई हैं जो अभी वहां पर तैनात की गई हैं। गुनहगारों को पकड़ने के लिए पूरी व्यवस्था शुरू कर दी गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा 27 तारीख से आज तक 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा दिल्ली में हिंसा फैलाने के लिए 300 से ज्यादा लोग यूपी से आए थे। यह गहरी साजिश थी।