
इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। और मध्यप्रदेश में इस बीच सियासी संग्राम अपने चरम पर पहुंचा हुआ है। मध्यप्रदेश में जो सियासी घमासान चल रहा है उसमें कमलनाथ सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है। क्योंकि 16 मार्च को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट किया जाना है जिसको लेकर दोनों दलों के बीच विधायकों को लेकर खींचतान चल रही है।
लेकिन इससे पहले जयपुर से भोपाल लौटे कांग्रेस के सभी विधायकों का पहले कोरोनावायरस का टेस्ट हुआ। इसके लिए कोरोना वायरस टेस्ट करने वाली डॉक्टरों की टीम भोपाल के उस होटल में पहुंची, जहां विधायक ठहरे हुए हैं।

गौरतलब है कि भले ही इस समय मध्यप्रदेश के अंदर राजनीतिक माहौल गर्म है, मगर फिर भी हर राज्य सरकार कोरोना को लेकर बेहद सतर्कता बरतती दिखाई दे रही है। क्योंकि राजनीतिक गहमागहमी के बीच कोरोना को भी प्राथमिकता दी जा रही है इसलिए सभी विधायकों के कोरोनावायरस टेस्ट करवाए गए।
इसपर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, ‘राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की गई कि हमारे विधायक जो जयपुर से आए हैं, उनका चिकित्सकीय परीक्षण किया जाना चाहिए। साथ ही हरियाणा और बेंगलुरु में रहने वाले विधायकों का भी चिकित्सकीय परीक्षण किया जाना चाहिए। ‘ पीसी शर्मा ने कहा कि भोपाल लौटे सभी विधायकों का कोरोना वायरस का टेस्ट हुआ।

बता दें इस वक्त मध्य प्रदेश में जो राजनीतिक हालात बने हुए हैं वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद से पैदा हुए हैं। हाल ही में जब होली के मौके पर सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया तो उसके तुरंत बाद उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी कांग्रेस हाईकमान को अपने इस्तीफे सौंप दिए। कांग्रेस का दामन छोड़ सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं और सिंधिया के साथ गए विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है।