केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली हिंसा पर गुरुवार शाम राज्यसभा में बहस का जवाब दिया। उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा रोकने के लिए लगातार दूसरे दिन पुलिस की तारीफ की। शाह ने कहा कि देश में 76% दंगे कांग्रेस शासन के दौरान हुए। हमारी सरकार में सिर्फ गुजरात में दंगे हुए। दंगे कराना हमारी फितरत में नहीं है। क्या ट्रम्प (अमेरिकी राष्ट्रपति) के आने के दिन हमारी सरकार स्टेट स्पॉन्सर्ड दंगों का मुहूर्त निकालती? हम दंगे कराने वालों को ढूंढ-ढूंढ कर अंदर करने वाले हैं। शाह ने विपक्ष से सीएए और एनपीआर को लेकर भ्रम न फैलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में किसी को देश में एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। जितने दस्तावेज देने हैं, उतने दे सकते हैं। इसी के साथ कपिल सिब्बल से अमित शाह ने सीएए को लेकर सवाल पूछ लिया और सिब्बल ने उसका जो जवाब दिया वह अब कांग्रेस के गले का फांस बनने वाली है। कपिल सिब्बल के इस बयान से कांग्रेस के द्वारा सीएए को लेकर फैलाई गई झूठ की पोल खुलने वाली है।
शाह ने कहा- ”हेट स्पीच सीएए के आने के बाद शुरू की गईं। लोगों को भड़काने और डराने के लिए भड़काऊ भाषण दिए गए। कहा गया कि सीएए मुस्लिमों की नागरिकता छीन लेगा। हम सभी पार्टियों को एकजुट होकर कहना पड़ेगा कि इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। कपिल सिब्बल साहब खुद ही बता दें कि क्या सीएए में ऐसा कोई प्रावधान है।”
अमित शाह के बयान पर कपिल सिब्बल ने कहा कोई यह नहीं कह रहा है कि सीएए से किसी की नागरिकता छिनेगा। जब एनपीआर होगा तो 10 सवाल और पूछे जाएंगे और फिर D यानी डाउट फूल लगा देगा। यह सिर्फ मुसलमान नहीं बल्कि गरीब लोगों की नागरिकता छिनेगा।
कपिल सिब्बल के सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं कितने भाषण कोट कर सकता हूं सिब्बल साहब की पार्टी कर नेताओ के जो कहते है CAA मुसलमानों के खिलाफ है।
अमित शाह ने कपिल सिब्बल के एनपीआप पर पूछे गए सवाल पर कहा कि एनपीआर में कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा, जितनी सूचना आपको देना है दें। जितनी सूचना नहीं देनी वह आप नहीं देंगे। इसके लिए आप आजाद हैं। कोई भी डी लगाने वाला नहीं है। इस देश मे किसी को एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नही है। कोई D नहीं लगेगा।