उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के निधन पर उनकी मौसी सरोज देवी को अंत्येष्टि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पौड़ी जाते समय उत्तराखंड सीमा पर पुलिस ने रोक लिया। बाद में जिला प्रशासन के हस्तक्षेप पर उन्हें दूसरा पास जारी किया गया। सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि पास होने के बावजूद मुख्यमंत्री योगी की मौसी सरोज देवी को उत्तराखण्ड में दाखिल होने से रोका गया था। इसके बाद उन्हें फिर से नया पास जारी किया गया। उत्तराखण्ड के अधिकारियों से बात करके समस्या सुलझा लिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौसी सरोज देवी अपने परिवार के साथ सहारनपुर के वीन नगर इलाके में रहती हैं। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि उत्तराखंड पुलिस द्वारा रोके जाने क बाद मैंने जिलाधिकारी की तरफ से जारी पास दिखाया था मगर उन्होंने (उत्तराखण्ड के अधिकारियों) मना कर दिया। हमने गांव में अपने रिश्तेदारों से बात करने को कहा, मगर फोन नहीं उठा। अधिकारियों ने मुझसे कहा कि सिर्फ भाई और बहनें ही जा सकती हैं। मुझसे कहा गया कि आप वापस लौट जाएं। उन्होंने भरे गले से कहा कि मुझे दुख तो होना ही है ।
लॉक डाउन को सफल बनाने व कोरोना परास्त करने के कारण अंतिम संस्कार में नहीं जाऊँगा : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपनी भावनाएं कुछ यूं व्यक्त कीं... । उन्होंने कहा कि अन्तिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, परन्तु वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को यूपी की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने के कर्तव्यबोध के कारण मैं उनके अंतिम दर्शन न कर सका। कल 21 अप्रैल को अन्तिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता और महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूजनीया माँ, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अन्तिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। सीएम ने कहा कि लॉकडाउन के बाद वह दर्शनार्थ जाएंगे।