पंजाब के19 जिलों में कोरोना संक्रमण के अब तक 230 मामले सामने आए हैं। इनमें 16 की जान चली गई। लॉकडाउन की शर्तों में 20 अप्रैल से कुछ रियायतें मिलेंगी। ऐसे में कैप्टन सरकार उद्योगों को फिर से पटरी पर लाने की तैयारी में जुट गई है। पंजाब में श्रमिकों की कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार उद्योगों को मजदूरों से 8 की बजाय 12 घंटे काम लेने की छूट देने की तैयारी कर रही है।
पंजाब में सबसे ज्यादा मोहाली जिले में 57 तो दूसरे नंबर पर जालंधर में भी 41 लोग कोरोना संक्रमित हैं। वहीं मुक्तसर और फिरोजपुर में सबसे कम एक-एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित हैं। हालांकि राज्यभर में अब तक 28 लोग ठीक भी हो चुके हैं। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जारी लॉकडाउन के फेज-2 का रविवार को पांचवां दिन है। पंजाब सरकार ने भी 23 मार्च से लगाया गया कर्फ्यू तीन मई तक बढ़ाया हुआ है। पुलिस प्रशासन की तरफ से रोज अपील की जा रही है कि लोग घरों में ही रहें, कोई बेहद जरूरी काम हो तो ही बाहर निकलें। नहीं मानने पर कार्रवाई भी की जा रही है।
श्रमिकों से 12 घंटे काम ले सकेंगे फैक्ट्री मालिक
लॉकडाउन की शर्तों में कुछ रियायतें मिलने पर उद्योग शुरू होंगे। इनमें मजदूरों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार उद्योगों को मजदूरों से 8 की बजाय 12 घंटे काम लेने की छूट देने की तैयारी कर रही है। यह मांग पंजाब के उद्योगपतियों ने श्रम विभाग के प्रधान सचिव वीके जंजुआ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान उठाई थी। श्रमिकों के घर लौटने और कोरोना वायरस के भय से उद्यमियों को श्रमिकों की कमी होने का डर सता रहा है। पीएचडी चैंबर की पंजाब इकाई के चेयरमैन करण गिल्होत्रा ने कहा कि राज्य में गेहूं की कटाई शुरू हो गई है। कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की आवश्यकता बढ़ने के कारण भी उद्योगों में कुछ हफ्ते के लिए श्रमिकों की कमी होने की संभावना है।
लुधियाना: 300 लोगों को यूएस भेजा, बसें देखते ही दौड़ पड़े एनआरआई
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के दूतावास की तरफ से पंजाब में फंसे अपने नागरिकों को वापस ले जाने के लिए लुधियाना में 9 बसें भेजीं। लुधियाना, मोहाली, पटियाला, मोगा, बठिंडा, मानसा, जालंधर समेत पंजाब के अलग-अलग जिलों से 250 अमेरिकी और 50 ऑस्ट्रेलियाई नागरिक लुधियाना में पार्क प्लाजा के पास जुटे। बसों को आते देखकर वे घर वापसी के उत्साह में कोरोना को भूल गए और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि प्रदेश में कर्फ्यू लगा है और कोरोना की महामारी फैली हुई है। यही नहीं अपने नागरिकों को बसों में बिठाने से पहले दूतावासों से आए प्रतिनिधियों ने भी सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन नहीं किया।
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के दूतावास की तरफ से पंजाब में फंसे अपने नागरिकों को वापस ले जाने के लिए लुधियाना में 9 बसें भेजीं। लुधियाना, मोहाली, पटियाला, मोगा, बठिंडा, मानसा, जालंधर समेत पंजाब के अलग-अलग जिलों से 250 अमेरिकी और 50 ऑस्ट्रेलियाई नागरिक लुधियाना में पार्क प्लाजा के पास जुटे। बसों को आते देखकर वे घर वापसी के उत्साह में कोरोना को भूल गए और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि प्रदेश में कर्फ्यू लगा है और कोरोना की महामारी फैली हुई है। यही नहीं अपने नागरिकों को बसों में बिठाने से पहले दूतावासों से आए प्रतिनिधियों ने भी सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन नहीं किया।
जालंधर: बिना बैंड-बाजा और बारात के पूरी कीं शादी की रस्में
जालंधर शहर के विजय नगर में रहने वाले एक परिवार ने कर्फ्यू के बीच बेटे की सादगी के साथ शादी की। मधुरमीत सिंह 13 मार्च को कनाडा से शहर शादी करने के लिए आया था, लेकिन 22 मार्च को लॉकडाउन व 23 मार्च से कर्फ्यू लग गया। इसके बाद एक बार फिर कर्फ्यू 3 मई तक होने के कारण परिवार को यह फैसला लेना पड़ा। दूसरा कारण कनाडा सरकार अब वहां से गए नागरिकों को वापस बुला रही है। ऐसे में मधुरमीत को कभी भी वापस बुलाया जा सकता था। मधुरमीत की शादी की रस्में उनके अर्बन एस्टेट स्थित ससुराल में संपन्न हुईं।
जालंधर शहर के विजय नगर में रहने वाले एक परिवार ने कर्फ्यू के बीच बेटे की सादगी के साथ शादी की। मधुरमीत सिंह 13 मार्च को कनाडा से शहर शादी करने के लिए आया था, लेकिन 22 मार्च को लॉकडाउन व 23 मार्च से कर्फ्यू लग गया। इसके बाद एक बार फिर कर्फ्यू 3 मई तक होने के कारण परिवार को यह फैसला लेना पड़ा। दूसरा कारण कनाडा सरकार अब वहां से गए नागरिकों को वापस बुला रही है। ऐसे में मधुरमीत को कभी भी वापस बुलाया जा सकता था। मधुरमीत की शादी की रस्में उनके अर्बन एस्टेट स्थित ससुराल में संपन्न हुईं।
अमृतसर: राशन न मिलने पर पार्षद के खिलाफ प्रदर्शन
अमृतसर में रविवार को राशन न मिलने पर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने कहा कि उनके पति मेहनत मजदूरी करके घर का गुजारा करते हैं, लेकिन कर्फ्यू के कारण उनका काम बंद हो गया है। घर में राशन न होने के कारण पूरा परिवार भूखा है। लिस्ट बनाकर पार्षद को भी भेजी गई थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद मदद नहीं मिली है। उन्होंने प्रशासन से राशन उपलब्ध कराने की मांग की है।
अमृतसर में रविवार को राशन न मिलने पर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने कहा कि उनके पति मेहनत मजदूरी करके घर का गुजारा करते हैं, लेकिन कर्फ्यू के कारण उनका काम बंद हो गया है। घर में राशन न होने के कारण पूरा परिवार भूखा है। लिस्ट बनाकर पार्षद को भी भेजी गई थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद मदद नहीं मिली है। उन्होंने प्रशासन से राशन उपलब्ध कराने की मांग की है।
डेरा बाबा नानक: मंडियों में 50 क्विंटल गेहूं लाने की लगाई शर्त पर प्रदर्शन
पंजाब सरकार की ओर से मंडियों में 50 क्विंटल ही गेहूं लाने पर लगाई गई शर्त पर किसान संगठनों ने रविवार को गांव खन्ना चमारां में रोष प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि पहले ही कर्फ्यू के चलते सरकार द्वारा तय नियमों से दिक्कत हो रही है। अब पंजाब सरकार ने एक किसान पर एक दिन में सिर्फ 50 क्विंटल गेहूं ही मंडियों में लाने की शर्त लगा दी है। इससे किसान और परेशान हो जाएगा। उन्हें बार-बार वाहन का इंतजाम करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रति किसान कम से कम 100 क्विंटल गेहूं लेकर आने की अनुमति दी जाए।
पंजाब सरकार की ओर से मंडियों में 50 क्विंटल ही गेहूं लाने पर लगाई गई शर्त पर किसान संगठनों ने रविवार को गांव खन्ना चमारां में रोष प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि पहले ही कर्फ्यू के चलते सरकार द्वारा तय नियमों से दिक्कत हो रही है। अब पंजाब सरकार ने एक किसान पर एक दिन में सिर्फ 50 क्विंटल गेहूं ही मंडियों में लाने की शर्त लगा दी है। इससे किसान और परेशान हो जाएगा। उन्हें बार-बार वाहन का इंतजाम करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रति किसान कम से कम 100 क्विंटल गेहूं लेकर आने की अनुमति दी जाए।