ट्रम्प की धमकी- अगर चीन वायरस फैलाने का जिम्मेदार निकला तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को कोरोना महामारी को लेकर चीन के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है। ट्रम्प ने कहा कि हमें पता चला कि यह देश वायरस के जिम्मेदार है। अगर ऐसा है तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे। 


ट्रम्प ने कहा, ‘‘वायरस को चीन में शुरू होने से पहले रोका जा सकता था। ऐसा नहीं हुआ और अब पूरी दुनिया इसकी वजह से पीड़ित है। अब तक दुनिया में एक लाख 60 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। जैसा कहा जा रहा है कि वे (चीन का नाम नहीं लेते हुए‌) जानबूझकर जिम्मेदार थे, निश्चित रूप से यह गलती थी और गलती एक गलती ही होती है।’’ अमेरिका में अब तक 39 हजार से ज्यादा जान जा चुकी हैं। सात लाख 38 हजार संक्रमित हैं। यहां शनिवार को एक दिन में 1,867 मौतें हुई हैं, जबकि संक्रमण के 29 हजार 57 केस मिले।
‘वे जानते थे कि कुछ गलत हुआ है’
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने पूछा कि क्या यह एक गलती थी, जो नियंत्रण से बाहर हो गई या इसे जानबूझकर किया गया था? मेरे हिसाब से इन दोनों के बीच एक बड़ा अंतर है। मुझे लगता है कि वे जानते थे कि यह कुछ बुरा था और वे शर्मिंदा थे। अगर दुनिया महसूस कर रही है कि इसमें कुछ सच्चाई तो नजर आती है। 
  • ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका उन खबरों पर ध्यान दे रहा है, जिनमें कोरोनावायरस के चीनी शहर वुहान की प्रयोगशाला से पैदा होने का दावा किया गया है। चीन कहता है कि हम इसकी जांच कर रहे हैं। देखते हैं कि उनकी जांच में क्या सामने आता है। हम भी इसकी पड़ताल कर रहे हैं।
चीन को कोरोना पर बातचीत करनी चाहिए
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी शनिवार को चीन पर कोरोना से जुड़ी जानकारी छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चीन को कोरोना पर दुनिया से बात करनी चाहिए। चीन कहता है कि वह सहयोग करेगा। अगर वह ऐसा करना चाहता है तो उसे दुनिया और दुनियाभर वैज्ञानिकों को यह जानने देने में मदद करनी चाहिए कि संक्रमण कैसे शुरू हुआ और यह किस तरह दुनिया में फैला। चीन में लोकतांत्रिक सरकार होती तो ऐसे जानकारी नहीं छुपाई जाती। पारदर्शिता की कमी के कारण ऐसे खतरे पैदा होते हैं।
वुहान लैब के डायरेक्टर ने कहा-  अमेरिका के आरोप झूठे हैं
अमेरिका समेत कई देशों का मानना है कि वुहान के ह्यूनान सीफूड मार्केट के पास स्थित वुहान इस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूआईवी) से ही कोरोना वायरस फैला है। डब्ल्यूआईवी एक पी-4 लैब है। यहां खतरनाक वायरसों की जांच की जाती है। लैब के डायरेक्टर युआन जिमिंग फरवरी में भी इन आरोपों को नकार चुके हैं। उन्होंने रविवार को इंटरव्यू में कहा, ‘हम जानते हैं कि लैब में किस तरह के रिसर्च चल रहे हैं और हम कैसे वायरस और सैंपल का मैनेजमेंट करते हैं। हमारे पास रिसर्च के लिए कोड ऑफ कंडक्ट है। कोई रास्ता ही नहीं है कि लैब से वायरस फैले।' अमेरिका के आरोपों पर उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि कुछ लोग बिना किसी सबूत के जानबूझकर लोगों से झूठ बोल रहे हैं।