खाड़ी देशों में फंसे भारतीय नहीं आना चाहते हैं वापस, जानिए क्या है उनकी मजबूरी

तेलंगाना के हजारों प्रवासी कामगार खाड़ी देशों में फंसे हुए हैं और अपने मुल्क वापसी को लेकर बेचैन हैं लेकिन वे एयर इंडिया की तरफ से विदेशों में फंसे लोगों के लिए चलाए जा रहे ‘वंदे भारत’ स्पेशल फ्लाइट्स से वापस नहीं आना चाहते हैं।
many telugu expatriates say they cannot pay for the air fare and quarantine fees   representative ph

उनका सीधा ये कहना है कि वे इस स्थिति में नहीं हैं कि भारत आने की यात्रा खर्च और फिर 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर्स में रहने के पैसे दे सकें। शनिवार की देर रात वंदे भारत की पहली फ्लाइट से दो बच्चों समेत 163 लोग कुवैत से हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आरजीआईए) पहुंचे थे। इनमें से अधिकतर लोग हैदराबाद के रहने वाले हैं जबकि कुछ निजामाबाद और करीमनगर जिलों के हैं।
राज्य सचिवालय में तेलंगाना एनआरआई सेल के सीनियर अधिकारी ई चित्ती बाबू ने कहा, “सिर्फ उन्हीं लोगों को कुवैत से लाया गया है जो यात्रा और क्वारंटाइन सेंटर्स में रहने के लिए पैसे दे पाने में सक्षम हैं। जो लोग नहीं दे सकते उन्हें वहीं रहना होगा।”
उन्होंने बताया, “क्वारंटाइन में 14 दिनों तक रहने का चार्ज सुविधानुसार 5 हजार से लेकर 30 हजार तक है, जो एनआरआई की तरफ से ली जाने वाली सुविधाओं पर निर्भर है। एक साधारण तौर पर रहने के लिए 5 हजार, टू स्टार होटल फैसिलिटी के लिए 15 हजार, थ्री स्टार सुविधाओं के लिए 30 हजार रुपये देने होंगे।”
चित्ती बाबू ने कहा कि दो अन्य फ्लाइट्स एक अमेरिका और एक अन्य यूके से फंसे हुए तेलुगू लोगों को लेकर हैदराबाद आएगी। इसी तरह “तेलंगाना के फंसे हुए लोगों के लिए कुछ और फ्लाइट्स अबू धाबी और दुबई से चलेगी।”