पश्चिमी सैन्य कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने सोमवार हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले से लगती हुई भारत-चीन सीमा पर मौजूद अग्रिम चौकियों का दौरा किया। सीमा पर पहुंचे आरपी सिंह ने वहां तैनात सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया। लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह का यह दौरा पूर्वी लद्दाख को लेकर चीन और भारत के बीच जारी तनातनी के बीच देखने को मिला है। बता दें कि चीन के साथ हिमाचल की लगभग 228 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है, जहां पर सेना और आईटीबीपी के जवानों की तैनाती है।

पूर्वी लद्दाख के मुद्दे पर चीन और भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति कायम रखने और गतिरोध को बातचीत से सुलझाने एवं दोनों देशों के नेतृत्व के बीच बनी सहमति को लागू करने पर सहमत हुए हैं। यह दावा चीन के शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को किया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग की यह टिप्पणी सीमा पर मौजूदा गतिरोध को द्विपक्षीय समझौते के तहत सुलझाने के लिए सैन्य स्तर पर हुई मैराथन बैठक के दो दिन बाद आई है।
Lt Gen RP Singh, General Officer Commanding in Chief, Western Command today visited forward posts on the India-China border in Himachal Pradesh’s Kinnaur district and reviewed the operational preparedness of troops deployed there.
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उन्होंने कहा कि छह जून को भारत और चीन के कमांडरों के बीच चुशुल मोल्दो क्षेत्र में बैठक हुई और दोनों पक्षों में विचार विमर्श किया। हुआ ने कहा हाल में कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से दोनों पक्ष सीमा की मौजूदा स्थिति पर संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, एक सहमति यह बनी है कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच सहमति को लागू करने की जरूरत है ताकि अंतर विवाद में नहीं तब्दील हो जाए।
हुआ चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों का संदर्भ दे रही थी जो दो अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बाद दिए गए थे। जिनपिंग-मोदी ने दोनों देशों की सेनाएं को सीमा पर शांति और धैर्य कायम रखने के लिए विश्वास बहाली के और कदम उठाने को कहा था।