भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत कुकीं का पहला आदेश सुनाते हुए महाराष्ट्र की एक विशेष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी की परिसंपत्तियों को कुर्क करने की सोमवार (8 जून) को अनुमति दे दी। विशेष अदालत के न्यायाधीश वी. सी. बारडे ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मोदी की उन परिसंपत्तियों को कुर्क करने के आदेश दिए हैं जो पीएनबी के पास गिरवी नहीं हैं। इसके लिए अदालत ने निदेशालय को एक माह का वक्त दिया है।
एफईओए के प्रभाव में आने के दो साल बाद यह देशभर में पहला ऐसा मामला है जब इस कानून के तहत किसी की संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया गया है। इस आदेश के बाद केंद्र सरकार एफईओए की धारा 12(2) और आठ के तहत इन परिसंपत्तियों को कुर्क कर सकती है। शारदुल अमरचंद मंगलदास विधि फर्म से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता नितेश जैन इस मामले में पीएनबी की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि अदालत ने केवल उन्हीं संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है जो बैंक के पास गिरवी नहीं रखी गई हैं।
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हालांकि विशेष अदालत ने निदेशालय को मोदी के मालिकाना हक वाली और आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई पेंटिंग को कुर्क करने की अनुमति नहीं दी। बंबई उच्च न्यायालय पहले ही इन्हें नीलाम कर धन जमा करने का आदेश दे चुका है। फिलहाल इससे मिलने वाली राशि को वितरित नहीं किया जाएगा।
विशेष अदालत ने कहा कि ईडी के पास छूट है कि वह आयकर विभाग के नियंत्रण वाली पेंटिंग हासिल करने के लिए कानूनी उपाय करे। नीरव मोदी (49) वर्तमान में ब्रिटेन की जेल में बंद हैं। मोदी को वहां मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था। भारत उनके खिलाफ वहां की अदालत में प्रत्यपर्ण की कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।