राकेश अस्थाना के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्णकालिक महानिदेशक के रूप में पदभार संभालने के साथ ही बीएसएफ का तकनीकी रूप से अपग्रेडेशन शुरू हो गया है। इसके तहत 436 छोटे और सूक्ष्म ड्रोनों, भारत-पाकिस्तान सीमा पर एंटी ड्रोन सिस्टम के लिए मंजूरी दे दी गई है। यह सिस्टम पंजाब, जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों के लिए हथियार ले जाने वाले किसी भी ड्रोन को मारकर गिरा सकता है।
व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन (CIBM) योजना के तहत, पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ द्वारा संचालित सभी 1923 सीमा चौकियों को सेंसर, सीसीटीवी और ड्रोन फीड से सुसज्जित किया जाएगा। इसमें 1,500 चौकियों सीमा की रेकी करने और एंटी ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे।
गृह मंत्रालय (एमएचए) के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, जहां छोटे और माइक्रो ड्रोन की लागत लगभग 88 करोड़ रुपये आएगी, सुरक्षा एजेंसियों की मदद से बीएसएफ वर्तमान में संवेदनशील पंजाब सीमा पर स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम का परीक्षण कर रही है। पिछले एक साल में पाकिस्तान पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों और जम्मू कश्मीर में जिहादियों को राइफल, पिस्तौल और ग्रेनेड पहुंचाने के लिए चीनी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है।
शुक्रवार सुबह राइफल और अफगान हेरोइन ले जा रहे पांच पाकिस्तानी घुसपैठियों को मारकर, नए डीजी ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं कि बीएसएफ दोनों सीमाओं पर सक्रिय रहेगी और किसी भी भारत विरोधी गतिविधि की अनुमति नहीं देगी। माना जा रहा है कि बीएसएफ प्रमुख ने व्यक्तिगत रूप से कंपनी कमांडर से बात की, जिन्होंने तरनतारन सेक्टर में सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया था।
चूंकि, राकेश अस्थाना नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में महानिदेशक का प्रभार भी संभालते हैं, ऐसे में बीएसएफ की खुफिया शाखा को भी पुनर्जीवित किया जा रहा है, ताकि अफगान ड्रग्स पाकिस्तान की सीमा पार न कर सके। इसके लिए, बीएसएफ और एनसीबी के बीच पंजाब और जम्मू-कश्मीर दोनों में सीमा पार से हथियारों की तस्करी और ड्रग्स के बड़े किंगपिन को लाने के लिए एक आम रणनीति अपनाई जाएगी।