एलएसी पर तनातनी के बीच चीन के 7 एक्टिव एयरबेस पर भारतीय एजेंसियों की कड़ी नजर

लद्दाख सेक्टर में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच इस वक्त स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। ऐसे में भारतीय एजेंसियां वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगते उत्तरी अरूणाचल प्रदेश के लद्दाख के उल्टी तरफ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वायुसेना (पीएलएएएफ) की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रही हैं।

seven active chinese military air bases under close watch of indian agencies  file pic

सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "हम पीएलएएएफ के शिनजांग और तिब्बत क्षेत्र के होटन, गर गुन्सा, काशाघर, होप्पिंग, ढोंका, ड्जोंग, लिंझी और पानाघाट की वायुसेना छावनी पर करीबी नजर रख रहे हैं, जो हाल के दिनों में काफी सक्रिय रही हैं।"

उन्होंने बताया कि चीन के पीएलएएएफ ने हाल के दिनों में इन एयरबेस में ऑपरेशंस बढ़ाने के लिए अतिरिक्त लोगों की तैनाती के साथ रनवे को चौड़ा करने समेत कई अपग्रडेशन के काम किए हैं। सूत्रों ने बताया कि लिंझी एयरबेस उत्तर-पूर्वी राज्यों के दूसरी तरफ है जो मुख्यतौर पर हेलीकॉप्टर बेस है। लेकिन, चीन ने एक हेलीपैड नेटवर्क तैयार किया है ताकि उन इलाकों में निगरानी को और तेज किया जा सके।

पीएलएएएफ चीनी वर्जन के सुखोई-30, वहां के स्वदेशी निर्मित जे-सीरिज समेत कई लड़ाकू विमानों की लद्दाख सेक्टर के उल्टी तरफ और वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते अन्य इलाकों में तैनाती कर रहा है, जहां पर भारतीय एजेंसियां सैटेलाइट और अन्य माध्यमों से लगातार निगरानी कर रही हैं।

चीनी सेना पीएलए की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जबरदस्त सक्रियता को देखते हुए भारत ने भी अपनी भी तैयारियां बढ़ा दी है। भारत ने एलएसी पर अपनी तरफ सुखोई-3-एमकेआई, मिग-29, मिराज-2000 को अग्रिम एयरबेस पर तैनात कर दिया है, ताकि किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

चीन के साथ अप्रैल-मई में शुरुआती विवाद के बाद भारतीय सेना की तरफ से सुखोई-20, मिग-29 को अग्रिम एयरबेस पर तैनात कर दिया था। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी लड़ाकू विमानों के वायुसीमा उल्लंघन में इन भारतीय लड़ाकू विमानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

लद्दाख सेक्टर में भारतीय वायुसेना को इस मायने में बढ़त है क्योंकि चीनी लड़ाकू विमानों को बहुत ऊंचाई वाले एयरबेस से उड़ान भरना होगा जबकि भारत की तरफ वे मैदानी इलाकों में आसानी से उड़ान भरकर बिना किसी समय गंवाए पर्वतीय क्षेत्र में पहुंच सकते हैं।