मोदी सरकार की तरफ से लाए गए कृषि संबंधी विधेयकों का जबरदस्त विरोध किया जा रहा है। इस बीच कांग्रेस के निलंबित नेता ने कृषि संबंधी बिल पर जो बातें कही है उससे न सिर्फ कांग्रेस खुद को 'असहज' महसूस करेगी, बल्कि यह कहीं न कहीं मोदी सरकार के लिए एक बड़ी राहत की बात हो सकती है।
कांग्रेस के निलंबित नेता संजय झा ने शुक्रवार की दोपहर बाद ट्वीट करते हुए कहा कि कृषि संबंधी बिलों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार वही कर रही थी जिसका कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वादा किया था।
कांग्रेस के निलंबित नेता ने खोली पोल!
इससे पहले, संजय झा जिनको कांग्रेस ने जुलाई में पार्टी से निलंबित कर दिया था, उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 (तीन बिलों में से एक) यूपीए के इरादे के अनुरूप थे और कांग्रेस की तरफ से लाए गए मल्टी ब्रांड एफडीआई में इससे फायदा होगा।
संजय झा ने ट्वीट करते हुए कहा, साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी अपने घोषणापत्र में एपीएमसी अधिनियम को खत्म करने और कृषि उत्पादों को प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात कही थी।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो वादा अपने घोषणापत्र में किया था, वही मोदी सरकार ने पूरा किया है। संजय झा ने कहा कि इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस एकमत हैं।
क्या कहा था कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में?
कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र के 11वें प्वाइंट में कहा था- कांग्रेस कृषि उपज मंडी समितियों के अधिनियम में संशोधन करेगी, जिससे की कृषि उपज के निर्यात और अंतरराज्यीय व्यापार में लगे सभी प्रतिबंध समाप्त हो जाएंगे।
12वें प्वाइंट में कहा गया- हम बड़े गांवों और छोटे कस्बों में पर्याप्त बुनियादी ढांचे के साथ में किसान बाजार की स्थापना करेंगे, जहां पर किसान बिना किसी प्रतिबंध के अपनी उपज बेच सके।
21वें प्वाइंट में कहा गया- आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 को बदलकर आज की जरूरतों और संदर्भों के हिसाब से नया कानून बनाएंगे जो विशेष आपात परिस्थितियों में ही लागू किया जा सके।
कांग्रेस के निलंबित नेता के इस ट्वीट पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता की तारीफ की। उन्होंने कहा कि एकमात्र वहीं एक व्यक्ति हैं जिन्होंने वास्तव में पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को पढ़ा है।
हरसिमरत कौर ने दिया इस्तीफा
गौरतलब है कि कृषि संबंधी अध्यादेश सोमवार को लोकसभा में रखा गया था। इसके बाद मंगलवार को एक अध्यादेश- आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित कराया गया, जबकि बाकी बचे दो हुए गुरुवार को पारित करा ला गया। हालांकि, लोकसभा में एनडीए के सबसे पुरानी सहयोगी अकाली दल ने इस बिल का विरोध किया। शिरोमणि अकाली दल नेता हरसिमरत कौर ने गुरुवार को केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
पीएम ने कहा- भ्रम फैलाया जा रहा
इधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारी विरोध के बीच कृषि संबंधी तीनों बिलों के लोकसभा से पारित होने के बाद कहा कि किसानों के एमएसपी और सरकारी खरीद जैसी सुविधाएं मिलती रहेंगी। उन्होंने कहा कि इसको लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा- "किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।"