पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ पिछले करीब चार महीने से चले आ रहे गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मास्को में अपने चीनी समकक्ष जनरल वी फेंगे से मुलाकात की। इस बैठक के बाद रक्षा मंत्री कार्यालय ने बताया कि रक्षा मंत्री ने संदेश दिया है कि एलएसी पर शांति की पूर्ण बहाली सुनिश्चित करने के लि भारत और चीन को कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से अपनी चर्चा जारी रखनी चाहिए।
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय सैनिकों ने हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति बहुत ही जिम्मेदार रुख अपनाया है, लेकिन भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के हमारे संकल्प के बारे में भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि चीनी सैनिकों की कार्रवाई, बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करना, उनके आक्रामक व्यवहार और एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने का प्रयास द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।
सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री के बीच हुई करीब ढाई घंटे की बातचीत का मुख्य फोकस लंबे समय से कायम सीमा विवाद को खत्म करना और शांति बहाल करना था। पूरी बातचीत का केंद्र बिंदु पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए बीच का रास्ता निकालने पर ही टिका रहा।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर इस मुलाकात में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वी फेंगे से साफ-साफ कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से पहले की स्थिति कायम करें। उन्होंने साफ कहा कि शांति के लिए चीन को सेना पीछे हटानी ही होगी।