दिल्ली दंगों में आरोपी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद ने गुरुवार को अदालत में कहा कि उसे जेल में सेल से बाहर नहीं आने दिया जाता और ना ही किसी से बात करने दी जाती है। एकाकी होने की वजह से वह अवसाद व अन्य बीमारियों का शिकार बन रहा है। अदालत ने आरोपी की शिकायत पर जेल प्रशासन को शुक्रवार को जवाब देने को कहा है।
खालिद ने अदालत से कहा है कि सुरक्षा का मतलब यह नहीं है कि उसे बंधक बना दिया जाए। वह शारीरिक व मानसिक दोनों तरह से पीड़ा में है। ज्ञात रहे कि बीते 17 अक्टूबर को बचाव पक्ष की उस दलील पर अदालत ने खालिद को जेल में विशेष सुरक्षा देने के आदेश दिए थे, जिसमें कहा गया था कि जेल के भीतर खालिद की जान को खतरा हो सकता है। अदालत ने जेल प्रशासन से कहा था कि वह उमर खालिद की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
पुलिस ने एक महीने की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की
उमर खालिद को 24 सितंबर को अदालत ने 22 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। खालिद को आज न्यायिक हिरासत समाप्त होने पर अदालत के समक्ष पेश किया गया था। वहीं, दिल्ली पुलिस की तरफ से खालिद की न्यायिक हिरासत अवधि एक सप्ताह और बढ़ाने की मांग की गई। अदालत ने शुक्रवार को ही पुलिस के इस आग्रह पर निर्णय लेने का फैसला किया है। ज्ञात रहे कि उमर खालिद को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया है।