मुकेश खन्ना ने अक्षय कुमार की फिल्म 'लक्ष्मी बम' के नाम पर उठाया सवाल, पूछा- क्या अल्लाह बम या बदमाश जीसस नाम रख सकते हैं?

अक्षय कुमार की फिल्म 'लक्ष्मी बम' रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिर चुकी है। विरोध करने वाले लोगों में अब एक्टर मुकेश खन्ना का भी नाम जुड़ चुका है। उन्होंने फिल्म के नाम को शरारत भरा बताया है और सवालिया लहजे में कहा, 'क्या आप कमर्शियल फायदे के लिए अल्‍लाह बम या बदमाश जीसस फिल्‍म का नाम रख सकते हैं? यकीनन नहीं, तो फिर लक्ष्‍मी बम कैसे!' उन्होंने कहा कि हम सभी को इसके लिए मिलकर आवाज उठानी चाहिए। 

मुकेश खन्ना का मानना है फिल्म का विरोध नहीं होना चाहिए, लेकिन उन्हें ‘लक्ष्मी बम’ नाम से दिक्कत है। मंगलवार को उन्होंने इंस्टाग्राम अकाउंट से अक्षय कुमार की फिल्म 'लक्ष्मी बम' का पोस्टर शेयर किया। मुकेश खन्ना ने पोस्टर के साथ लिखा था, “क्या लक्ष्मी बम के टाइटल से कोई फिल्म रिलीज होनी चाहिए? मुझसे पूछो तो फिल्म को बैन करना जायज नहीं है, क्योंकि अभी सिर्फ ट्रेलर देखा है, फिल्म अभी बाकी है।” वह आगे कहते हैं कि फिल्म से नहीं, लेकिन इसके नाम से दिक्कत है। लक्ष्मी जी के आगे बम लगाना शरारत भरा लगता है।"

मुकेश खन्ना के पोस्टर शेयर करने के बाद कुछ लोगों ने जवाब में लिखा था,  "इसी नाम से सालों से पटाखें भी फोड़े जा रहे हैं। अब अचानक से इसका विरोध क्यों किया जा रहा है?" इसके जवाब में मुकेश खन्ना ने एक वीडियो किया और लिखा है कि लक्ष्मी बम टाइटल पर मेरे द्वारा अपने सोशल अकाउंट पर किए गए पोस्ट पर चंद बुद्धिजीवी लोगों का ये बचकाना तर्क आया कि 50 सालों से देशभर में इसी नाम के पटाखे फोड़े जाते रहे हैं। किसी ने विरोध नहीं किया तो आज इतना बवाल क्यों ? उनको जवाब देने के लिए मैंने यह वीडियो बनाया है। 

वीडियो में उन्होंने कहा, “यह मुद्दा हर वह शख्स समझेगा, जिसके दिल में सनातन धर्म के लिए इज्जत है। उस वक्त परिस्थिति अलग थी और आज अलग है। जब जागो तब सवेरा। यह नाम कमर्शियल मानसिकता के तहत रखा गया है। केवल पैसे कमाने के लिए हिन्दू धर्म के भगवानों के नामों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। हमें अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए। कोई आवाज उठाए या नहीं उठाए, मैं अपनी आवाज जरूर उठाऊंगा।”

 

मुकेश खन्ना ने दो दिन पहले पोस्ट में लिखा था, "लक्ष्मी के आगे बम जोड़ना शरारत से भरा लगता है। कमर्शियल इंटरेस्ट की सोच लगती है, क्या इसे अनुमति देनी चाहिए? जाहिर है, नहीं। क्या आप अल्लाह बम या बदमाश जीसस फ़िल्म का नाम रख सकते हैं? ज़ाहिर है नहीं। तो फिर लक्ष्मी बम कैसे।"

उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, "यह धृष्टता फ़िल्मी लोग इसलिए करते हैं कि क्योंकि वे जानते हैं कि इसमें शोर मचेगा, लोग चिल्लाएंगे और फिर चुप हो जाएंगे। लेकिन, लगे हाथों फिल्म का प्रमोशन हो जाएगा। फिल्म तो रिलीज होनी ही है। लोग टूट पड़ेंगे फर्स्ट डे थिएटर पर देखने के लिए कि क्या है फिल्म में? क्या है फिल्म के टाइटल का मतलब? यह होता आया है और होता रहेगा। इसे रोकना पड़ेगा। और, यह जनता-जनार्दन या पब्लिक ही कर सकती है। एक बात तो साफ़ है। इन कमर्शियल लोगों में हिंदुओं का डर या खौफ रत्ती भर भी नहीं है। वे उन्हें सहिष्णु मानते हैं। सॉफ़्ट टारगेट समझते हैं। उन्हें पता है किसी और धर्म या समुदाय से यह पंगा लेने पर तलवारें निकल आएंगी। इसलिए उनको लेकर फिल्म के टाइटल नहीं बनते।"

मुकेश खन्ना ने पोस्‍ट के अंत में लिखा है, "कुछ लोग इसे लव जिहाद या इस्‍लामिक फंडिंग का नाम दे रहे हैं। हो सकता है, नहीं भी हो सकता। लेकिन, फिल्‍मों में 40 साल बीताकर इतना तो दावे के साथ कह सकता हूं कि हर प्रोड्यूसर अपनी फिल्‍म को हिट देखना चाहता है। इसलिए ऐसे पैंतरे लाता है। लक्ष्‍मी बम उन्‍हीं में से एक है, डिफ्यूज करो इसे।"