राम मंदिर निर्माण: नींव का काम शुरू कराने के लिए तैयारियां तेज

रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर की नींव का काम शुरू कराने की तैयारियां अंतिम दौर में है। नींव का काम इसी माह शारदीय नवरात्र में ही शुरू होना है। सके लिए सभी जरूरी कार्य शीघ्रातिशीघ्र निपटाए जा रहे हैं। नींव ढालने के लिए एक सौ फिट गहराई में एक मीटर व्यास के 12 सौ स्तम्भों को खड़ा किया जाना है। यह कार्य शुरू करने से पहले परिसर में ही कंक्रीट की मिक्सिंग का प्लांट शुरू करना होगा। इस प्लांट के लिए विद्युत संयोजन की जरूरत थी।


इसके चलते रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से एक दिन पहले मंगलवार को आरटीजीएस के जरिए पावर कारपोरेशन के खाते में 76 लाख की धनराशि जमा करा दी है। इसकी पुष्टि करते हुए विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता  मनोज गुप्त ने बताया कि धनराशि जमा हो जाने के बाद एक हफ्ते में विद्युत लाइन खींच दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 11 सौ किलोवाट के विद्युत लोड स्वीकृत करने का आवेदन किया था। इसके सापेक्ष 820 किलोवाट का लोड स्वीकृत किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि इस विद्युत संयोजन में 250-250 केवीए के तीन और चार-चार सौ केवीए के ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।

राम मंदिर के फाउंडेशन ढालने से पहले टेस्ट पाइलिंग में बनाए गये स्तम्भों की भार वहन क्षमता आकलन की तैयारियां हो चुकी हैं। इस बार सात सौ टन भार की क्षमता का आकलन किया जाएगा। इस टेस्ट के लिए आईआईटी, चेन्नई व सीबीआरआई, रुड़की के विशेषज्ञ की टीम को भी यहां आना है लेकिन वह अभी पहुंचे नहीं है। बताया गया कि वह गुरुवार को भी आ सकते हैं। फिलहाल भार वहन क्षमता के टेस्ट के लिए कई प्रकार की मशीनें लगाई गयी हैं। टेस्ट शुरू होने के दौरान विद्युत लाइन बंद न हो, इसके लिए थ्री फेज जेनरेटर भी मंगवाया गया है।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मंदिर निर्माण समिति की बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस बैठक में इस हिस्सा लेने गये ट्रस्टी विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र वापस लौट आए हैं। उधर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय अभी दिल्ली में ही हैं। बताया गया कि वह एक-दो दिन बाद वापस आएंगे। इस बीच मंदिर के लिए तराशे गये पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर में भेजने की प्रक्रिया जारी है। साप्ताहिक बाजार बंदी के कारण बुधवार को अपराह्न एक ट्रक से चार स्तम्भों केअलग-अलग खंडों को लाया गया। वहीं रात्रि में भी उसी वाहन से चार अतिरिक्त स्तम्भों के खंडों को लाने की तैयारी है।