पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद जारी, रिश्ते सामान्य करना बहुत मुश्किल: विदेश मंत्री जयशंकर

पाकिस्तान सरकार आतंकवाद को सार्वजनिक तौर पर ऐसी नीति मानती रही है जिसे वह जायज ठहराती है और इस वजह से उसके साथ संबंध सामान्य करना भारत के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है। 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को यह बात कही।


एशिया सोसायटी द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन समारोह को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ''पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद उनकी सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से स्वीकार की गई ऐसी नीति बना हुआ है जिसे वह जायज ठहरा रहे हैं। इसलिए उनके साथ रिश्ते सामान्य करना बहुत मुश्किल हो गया है।

जयशंकर ने कहा कि केवल आतंकवाद ही नहीं है, बल्कि पाकिस्तान भारत के साथ सामान्य कारोबार नहीं करता और उसने नई दिल्ली को मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा नहीं दिया है। उन्होंने कहा, ''हमारे सामान्य वीजा संबंध नहीं हैं और वे इस मामले में बहुत प्रतिबंधात्मक हैं। उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के बीच और अफगानिस्तान से भारत तक कनेक्टिविटी बाधित की है।''

जयशंकर ने कहा कि सामान्य पड़ोसी वीजा और कारोबारी संबंध रखते हैं, वे आपको कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात कि वे आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देते। उन्होंने कहा, ''और मेरा मानना है कि जब तक हम इस समस्या पर ध्यान नहीं देते, तो इस बहुत विचित्र पड़ोसी के साथ सामान्य संबंध कैसे रखे जाएं, यह हमारी विदेश नीति के लिए बहुत बड़ी समस्या वाला विषय है।''

पिछले साल विभाजन के बाद से कश्मीर के घटनाक्रम के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य अब दो केंद्रशासित प्रदेशों में बंट गया है। उन्होंने कहा, ''भारत की बाहरी सीमाएं नहीं बदली हैं। जहां तक हमारे पड़ोसी देशों की बात है, तो उनके लिए हमारा कहना है कि यह हमारे लिए आंतरिक विषय है। हर देश अपने प्रशासनिक न्यायक्षेत्र को बदलने के अधिकार रखता है। चीन जैसे देश ने भी अपने प्रांतों की सीमाएं बदली हैं और मुझे विश्वास है कि अन्य कई देश ऐसा करते हैं।'' उन्होंने कहा कि पड़ोसी तभी प्रभावित होते हैं जब आपकी बाहरी सीमाएं बदलती हैं। इस मामले में ऐसा नहीं है।

पाकिस्तान के आतंकी समूहों द्वारा 2016 में पठानकोट वायु सेना केंद्र पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव आ गया था। इसके बाद उरी में भारतीय सेना के शिविर पर हमले समेत अन्य हमलों ने संबंधों को और बिगाड़ दिया। पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के जंगी विमानों ने पिछले साल 26 फरवरी को पाकिस्तान के भीतर मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी शिविर को तबाह कर दिया था।

पिछले साल जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे वाले प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने पर भी पाकिस्तान की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी और वह कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की असफल कोशिश करता रहा है।