फासीवाद का रोना रोने वाले आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेसी नेता और समर्थक मुंबई पुलिस द्वारा अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर जश्न मनाते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें कि सत्ता में बैठे उद्धव सरकार के इशारे पर मुंबई पुलिस के अधिकारी AK-47 के साथ अर्णब के घर, उन्हें गिरफ्तार करने पहुँचे।
कथित तौर पर उन्होंने न सिर्फ रिपब्लिक चीफ अर्णब के बाल खिंचे बल्कि उनके बेटे को भी मारा और उनके ससुराल वालों से बद्तमीजी भी की। यह गिरफ्तारी पुलिस ने अदालत द्वारा बंद किए गए 2018 के केस में की है।
वहीं एक पत्रकार की गिरफ्तारी की निंदा करने के बजाय, कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के समर्थक और नेता इस मामले में खुश होते हुए नजर आए।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने ट्विटर पर कहा कि अर्णब किसी भी प्रकार से सहानुभूति के हकदार नहीं हैं। यह कह कर उन्होंने मुंबई पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग को भी सही ठहराया। इसके अलावा कॉन्ग्रेसी नेताओं ने अर्णब की गिरफ्तारी का श्रेय भी लिया।
अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी का श्रेय लेने की होड़ में कॉन्ग्रेसी नेता इतना खो गए कि उन्होंने 2018 आत्महत्या के मामले में हुए उन्मूलन के बारे में गलत सूचना फैलाना शुरू कर दिया।
गौरव पांडे और रुचिरा चतुर्वेदी जैसे कॉन्ग्रेसी नेताओं ने 2018 में आत्महत्या मामले की रिपोर्ट का हवाला भी दिया। हालाँकि इन लोगों ने मुंबई पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट के बारे में बताना सही नहीं समझा।
अन्य लोगों ने भी अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी की खुशी मनाई।
इस मामले में राहुल गाँधी के प्रशंसक ने भी मुंबई पुलिस की सराहना की।
फ्रीडम ऑफ स्पीच का हवाला देते हुए हमेशा से मातम मनाने वाले भी इस मामले में जश्न मनाने में पीछे नहीं दिखे।
मुखौटा पहनकर प्रोपेगैंडा फैलाने वाले फैक्टचेकर भी अर्णब की गिरफ्तारी पर अपने फ्रीडम ऑफ स्पीच की लड़ाई भूलते हुए नजर आए।
गौरतलब है कि अर्णब गोस्वामी ने खुद इस बात का खुलासा किया कि उन्हें जबरदस्ती ले जाया जा रहा और मुम्बई पुलिस ने उनसे और उनके परिजनों ने मारपीट की है। इसके बावजूद कॉन्ग्रेस समर्थक इन बातों से मुँह फेरते हुए पुलिस के इस कारनामे पर उनकी प्रशंसा करते हुए नजर आए।