दुनिया के सामने भारत ने पाकिस्तान की खोली पोल, नगरोटा एनकाउंटर से जुड़े दस्तावेज सौंपा

नगरोटा के नाकाम आतंकी साजिश में पड़ोसी मुल्क का नाम आने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हो रहा है। भारत ने सोमवार को पाकिस्तान को हमले की साजिश से जुड़े सबूत सौंपे। वहीं, कई प्रमुख देशों के राजनयिकों को अलग-अलग समूह में पाकिस्तान की नापाक साजिश की जानकारी दी गई। भारत ने पाकिस्तान की आतंकी साजिश के बारे में व्यापक रूप से दुनिया के देशों को जानकारी देने का मन बनाया है। इसी कड़ी में सोमवार को विदेश सचिव ने चुनिंदा देशों के मिशन प्रमुखों को हमले की साजिश से जुड़ी जानकारियों को साझा किया।


सूत्रों ने कहा, भारत ने पाकिस्तानी राजनयिक को भी नगरोटा एनकाउंटर से जुड़े दस्तावेज सौंपे हैं। सूत्रों ने बताया कि विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने जम्मू के नगरोटा जिले में योजनाबद्ध आतंकवादी हमले की उस साजिश के बारे में विदेशी मिशनों के प्रमुखों के समूह को सूचित किया, जिसे 19 नवंबर को नाकाम कर दिया गया था। भारत ने विभिन्न देशों को बताया कि पाकिस्तान की आतंकी साजिश का सुरक्षा, कूटनीति और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर प्रतिकूल असर डालने वाली है। सूत्रों ने कहा, कोविड -19 स्थिति के मद्देनजर विदेश मंत्रालय की जाने कई ब्रीफिंग में से पहली विदेश सचिव ने की है। अन्य सचिव भी अपने क्षेत्राधिकार के प्रमुखों को पाकिस्तानी साजिश के बारे में ब्रीफ करेंगे।

सूत्रों ने कहा कि भारत का विचार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सूचनाओं को यथासंभव साझा करना है। मिशन के प्रमुखों को इस घटना का विवरण देते हुए एक विस्तृत सूचना डॉक के साथ प्रदान की गई। इसमें आतंकियों से बरामद किए गए हथियार और उपकरणों की भी सूची थी। यह स्पष्ट रूप से जैश आतंकियो के पाकिस्तानी मूल का संकेत दे रहे थे। विदेशी राजनयिकों को इस बात की भी जानकारी दी गई कि आतंकवादी भारत में कैसे आए। सांबा सेक्टर में भूमिगत सुरंग मिलने से पाकिस्तान की इस साजिश का भी खुलासा हो चुका है।

मिशन प्रमुखों को बताया गया कि पुलिस और खुफिया अधिकारियों द्वारा प्रारंभिक जांच, बरामद ए के 47 राइफल्स और अन्य वस्तुओं पर चिह्नों से पक्के सबूत मिले हैं कि आतंकवादी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के थे। यह भी बताया गया कि 19 नवंबर की घटना जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के जारी आतंकवादी अभियान का हिस्सा है और वर्ष 2020 में ही आतंकवादी हिंसा की 200 घटनाओं और 199 आतंकवादियों के मारे जाने से यह  बात पुख्ता होती है। जैश द्वारा पूर्व में आतंकी घटनाओं की जानकारी भी साझा की गई।