भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दलों के ‘गुपकार गठबंधन’ पर जबरदस्त हमला बोलते हुए पूछा है कि ये ‘गुपकार गठबंधन’ है या ‘गुप्तचर गठबंधन’? भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार (नवंबर 16, 2020) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जम्मू-कश्मीर के पर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के साथ-साथ कॉन्ग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये ‘गुप्तचर गठबंधन’ वही चाहता है, जो पाकिस्तान की इच्छा होती है।
उन्होंने गुपकार गठबंधन के साथ हाथ मिलाने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतों के साथ हाथ मिला कर कॉन्ग्रेस ने अपना असली रंग दिखा दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने से पहले वहाँ विकास नहीं पहुँचा था और कुछ ऐसे राजनीतिक दल हैं, जो हमेशा देश का अहित सोचते हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस और गुपकार गठबंधन का एक ही लक्ष्य है – जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को वापस लाना।
उन्होंने अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के फैसले के बारे में पूछा कि ये निर्णय किसका है? साथ ही जवाब देते हुए कहा कि ये पूरे देश का निर्णय है, क्योंकि भारत का कोई भी कानून लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद भवन में विचार-विमर्श के बाद ही बनता है। संबित पात्रा ने कहा, ‘मै राहुल गाँधी और सोनिया जी से पूछता हूँ कि इस गठबंधन की एक पार्टी चीन के साथ अनुच्छेद 370 को वापस लाने की बात कहती है, वहीं महबूबा मुफ्ती तिरंगा नहीं उठाना चाहतीं। चिदंबरम ने कहा था की हम 370 को वापस लाना चाहते हैं।‘
उन्होंने कहा कि ये गठबंधन वही करता है, जो पाकिस्तान चाहता है। जिस तरह से पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म पर गया, वैसे ही ये गठबंधन कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये लोग देश के दुश्मनों की भाषा बोलते हैं, क्योंकि इन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया था और पीएम मोदी को बदनाम करने की कोशिश की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सभी बयान राहुल-सोनिया के साथ साँठगाँठ में दिए गए।
जम्मू-कश्मीर में गुपकार गठबंधन पर निशाना साधने के क्रम में बिहार विधानसभा चुनाव और देश भर में हुए उपचुनावों में कॉन्ग्रेस की हार पर भाजपा प्रवक्ता कहा कि गुपकार समूह के साथ कॉन्ग्रेस का ये गठबंधन देशहित में नहीं है और कॉन्ग्रेस को पहले अपने घर का अलायंस सही रखना चाहिए, उसके बाद कहीं ओर गठबंधन पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कपिल सिब्बल द्वारा उठाए गए सवालों को भी याद किया। सिब्बल ने कहा है कि पार्टी नेतृत्व इस हार को हल्के में ले रहा है, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
कुछ ही दिनों पहले ‘पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन’ ने डॉ. फारूक अब्दुल्ला को अपना अध्यक्ष और महबूबा मुफ्ती को 6 पार्टी समूह का उपाध्यक्ष घोषित किया था। यह निर्णय पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के गुपकार रोड पर स्थित निवास पर आयोजित अलायंस में शामिल घाटी के शीर्ष नेताओं की दो घंटे तक चली बैठक में लिया गया था। सज्जाद लोन को गठबंधन का प्रवक्ता बनाया गया है।
जम्मू-कश्मीर में कट्टरवादियों की नजर में आतंकवादियों और अलगाववादियों की तरह उन्हें भी प्रदेश का ‘सच्चा हिमायती’ समझा जाए, इसीलिए सीनियर अब्दुल्ला चीन को इधर आकर जम्मू-कश्मीर को अपने में मिला लेने का देश-विरोधी आइडिया देते हैं है और मुफ़्ती परिवार भारत और भारत के झंडे के खिलाफ बयान तो दे रहा है, लेकिन साथ ही भारत के संविधान और सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा भी जता रहा है। ये दल फ़िलहाल कन्फ्यूजन की स्थिति में हैं। चुनाव नहीं लड़े तो सत्ता जाएगी और चुनाव लड़े तो कट्टरपंथियों की नजरों में गिरेंगे।
6 दलों– नेशनल कॉन्फ्रेंसराष्ट्रीय सम्मेलन (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स सम्मेलन (पीसी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीआई-एम), पीपुल्स मूवमेंट (पीएम) और अवध नेशनल कॉन्फ्रेंस (एएनसी) – इस महीने की शुरुआत में एक साथ आए थे ताकि गठबंधन का गठन किया जा सके और राज्य की विशेष स्थिति की बहाली के लिए शांति से काम किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने ‘क्षेत्र के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने’ की कसम खाई थी।